नई दिल्ली:युवाओं को गृह मंत्रालय (home Ministry) के अधीन नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के दो साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं गिरफ्तार होने वाले दोनों आरोपी बीते 6 साल से फरार चल रहे थे. इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस की तरफ से 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था.
डीसीपी अमित गोयल (DCP Amit Goyal) के अनुसार अहमदाबाद निवासी भूपेंद्र ने क्राइम ब्रांच को एक शिकायत वर्ष 2016 में दी थी. उसने बताया था कि न्यूज़ पेपर में गुप्त सिपाही की भर्ती का एक विज्ञापन आया था. उसमें दिए गए नंबर पर उसने कॉल किया. सामने वाले शख्स ने उसके बारे में तमाम जानकारी ले ली. कुछ दिन बाद उन्हें एक जॉब लेटर मिला जिसमें उन्हें बताया गया कि वह इंडिया वेलफेयर एसोसिएशन, गृह मंत्रालय के अधीन गुप्त सिपाही चुने गए हैं. सिक्योरिटी के तौर पर उनसे 1.16 लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराने के लिए कहा गया. क्राइम ब्रांच ने इस बाबत मामला दर्ज किया.
छानबीन के दौरान पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से इस मामले में अर्जुन और सुरेश नागर को गिरफ्तार किया था. वहीं उनके साथी गोविंद सोलंकी और बिपिन उर्फ विपिन पटेल फरार चल रहे थे. 6 साल से पुलिस टीम उनको तलाश रही थी. अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा था. पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर कमल की टीम काम कर रही थी. पुलिस टीम को पता चला कि लक्ष्मी नगर इलाके में एक नया दफ्तर खोलने के लिए गोविंद कोई प्रॉपर्टी तलाश रहा है. पुलिस टीम ने यहां पर प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क किया.