नई दिल्ली:दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के चार गुर्गों को देश में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने और एक्यूआईएस के लिए भर्ती करने का दोषी ठहराया. इन पर आरोप है कि ये संदिग्ध विदेश में बैठे अपने आकाओं के आदेश पर देश में आतंकी नेटवर्क चला रहे थे.
पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय खानगवाल ने दोषियों को सात साल और पांच महीने की कैद की सजा सुनाई. चारों आतंकियों के नाम मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद अब्दुल रहमान, जफर मसूद और अब्दुल सामी हैं. यह सभी अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े थे. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत इन आरोपियों को सजा सुनाई जा रही है. इस बीच न्यायाधीश ने एक्यूआईएस के दो संदिग्ध गुर्गों सैयद मोहम्मद जीशान अली और सबील अहमद को बरी कर दिया. न्यायाधीश ने प्रत्येक को 10 हजार रुपए के निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिसंबर 2015 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के बैनर तले भारत में अपना ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपने सूत्रों से जानकारी जुटाई और इन सभी को देश के अलग अलग हिस्सों से गिरफ्तार कर लिया.
अदालत ने 2017 में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे, जबकि इस मामले में एक अन्य आरोपी सैयद अंजार शाह को बरी कर दिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोप लगाया था कि रहमान उत्तर प्रदेश में एक मदरसा चलाता है, जहां कई छात्र पढ़ते हैं और वह उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने आरोपी आसिफ को दिल्ली के सीलमपुर से और रहमान को ओडिशा के कटक के जगतपुर से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया कि रहमान के मिडिल ईस्ट और पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय संबंध होने का संदेह था.
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