नई दिल्लीः दक्षिण दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस के नेता अभिषेक दत्त ने कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा अवैध तरीके से हजारों दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया है. जिसके कारण लाखों लोगों की आजीविका पिछले तीन वर्षों से प्रभावित हो रही है. उन्होंने मांग कि की इन प्रतिष्ठानों को तुरंत डी-सील कर दिया जाना चाहिए, ताकि व्यापारी जिसे सीलिंग और कोविड -19 महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ी, अपने व्यवसायों को फिर से शुरू कर सकें और दिल्ली की सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकें.
अवैध रूप से सील किए गए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को किया जाए डी-सील : अभिषेक दत्त 'रद्द हो नोटिस'
अभिषेक दत्त ने कहा कि 21 दिसंबर, 2020 को दक्षिण दिल्ली नगर निगम सदन सत्र में एक प्रस्ताव पेश करेगी. उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि हम सभी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक स्वर में व्यापारियो के हितों के लिए व अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करे. फिर उसे संशोधित करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाए.
यह सुनिश्चित किया जाए कि कन्वर्जन चार्ज और पार्किंग शुल्क का भुगतान नहीं करने के लिए दुकानों को सील करने पर केंद्र सरकार एक अधिसूचना जारी करे कि कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान तब तक सील नहीं किया जाएगा, जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय अंतिम निर्णय नहीं आ जाता. उन्होंने कहा कि जिन दुकानों को सील किया गया है, उन्हें व्यापारियों से शपथ पत्र लेने के बाद डी-सील किया जाना चाहिए. व्यापारियों को दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी किए गए नोटिसों को भी रद्द किया जाना चाहिए.
'एमसीडी अपना रहा हथकंडे'
अभिषेक दत्त ने कहा कि यह एक आश्चर्य की बात है कि एमसीडी द्वारा मॉनिटरिंग कमेटी का खर्च वहन किया जा रहा है. पिछले तीन वर्षों में हजारों व्यापारियों और लाखों लोग जो अपनी आजीविका के लिए केवल व्यवसायों पर ही निर्भर है, उनके जीवन को बर्बाद करने के लिए, बिना किसी पूर्व सूचना के अवैध रूप से कई बाजारों को सील करने के लिए एमसीडी हर प्रकार के हथकंडे अपना रहा है.