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पटरी पर लौटता दिल्ली का व्यापार, आगामी त्योहारों से व्यापारियों की बढ़ी उम्मीद

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Published : Oct 26, 2021, 10:13 AM IST

कोरोना ने पिछले दो साल से देश की राजधानी में व्यापार की रफ्तार धीमी कर दी थी. इस साल कोरोना के मामलों पर लगाम लगने के बाद बाजारों ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ी है. दिल्ली का व्यापार धीरे-धीरे पैरों पर खड़ा हो रहा है. दीपावली और आगामी महीने में आने वाले त्योहार के साथ ही शादियों के सीजन की बात करें तो व्यापार और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

Karol Bagh Market
पटरी पर लौटता दिल्ली का व्यापार

नई दिल्ली:राजधानी में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. दिल्ली के सभी बड़े बाजारों में पहले के मुकाबले इस साल ग्राहकों की चहल-पहल ज्यादा देखी जा रही है. दिल्ली की सबसे बड़े मार्केट में से एक करोल बाग मार्केट जो कपड़े, गारमेंट्स, खिलौने, ज्वेलरी, विभिन्न प्रकार के जूते, आर्टिफिशियल ज्वेलरी के साथ मोबाइल पार्ट्स के व्यापार को लेकर जानी जाती है. यहां ग्राहकों की भारी भीड़ देखी जा रही है.

बीते दो सालों के मुकाबले व्यापारियों को इस साल व्यापार के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है. व्यापारियों की मानें तो व्यापार सामान्य हालातों के मुकाबले 40 से 50 फीसदी तक आ चुका है. साथ ही दिवाली का त्योहार, शादियों के सीजन और आगामी समय को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस साल से अंत तक यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक जा सकता है. वहीं सरकार को भी व्यापारी वर्ग की सहायता वर्तमान समय में करने की जरूरत है ताकि की राजधानी का व्यापार पूरी तरीके से अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

पटरी पर लौटता दिल्ली का व्यापार.

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करोल बाग अजमल खान रोड के व्यापारियों ने बातचीत के दौरान कहा कि पिछले दो साल का समय उनके लिए काफी मुश्किल था. लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सुधरने के बाद ऐसा लग रहा है कि आने वाला समय व्यापार के लिए अच्छा होगा. हालांकि सरकार के द्वारा लगातार लोगों से ऑनलाइन शॉपिंग करने की अपील की जा रही है, उससे व्यापारी नाखुश हैं. व्यापारियों का कहना है कि सरकार को ऑनलाइन शॉपिंग को इतना बढ़ावा नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक असर व्यापारी वर्ग के ऊपर ही पड़ेगा. करोल बाग अजमल खां रोड के व्यापारियों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि अजमल खान रोड के पेडेस्ट्रियन रास्ते पर ट्रैफिक की आवाजाही पहले की तरह शुरू कर दी जाए तो इससे मार्केट में व्यापार जल्दी अपनी पुराने सूरते हाल में लौटेगा और व्यापारियों को दो साल के बुरे समय के बाद एक बड़ी राहत मिलेगी, जिससे न सिर्फ के व्यापार बढ़ेगा बल्कि रोजगार भी बढ़ेगा.

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करोल बाग अजमल खां रोड की मार्केट के व्यापारियों ने बातचीत के दौरान बताया कि इस साल व्यापार पहले के मुकाबले काफी सुधरा है. आने वाले दिनों में दिवाली और बाकी त्योहारों से काफी उम्मीद की जा रही है कि बिक्री और तेज होगी और व्यापार भी बढ़ेगा. पिछले दो साल जिस तरह से मुश्किलों भरे गए हैं उसके बाद यह हालात काफी बेहतर है. लोग न सिर्फ मार्केट का रुख कर रहे हैं बल्कि इस साल खरीदारी भी कर रहे हैं, जिसके चलते बाजार कुछ हद तक अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ने में कामयाब रहा है.

चाइनीज आइटम्स को लेकर बातचीत में व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि बाजार में अभी भी थोड़ी बहुत चाइनीज आइटम्स की डिमांड है, वह भी इसलिए क्योंकि चीन की बनी हुई कई चीजें ऐसी हैं जिसका कोई ऑप्शन फिलहाल भारतीय बाजारों में नहीं है. हालांकि लोग बाजारों में खरीदारी के समय चाइनीज आइटम्स से दूरी बनाने लगे हैं. वहीं अगर बात की जाए कपड़े और जूतों के सेक्टर में तो अब लोग भारत ने बनी चीजों को ज्यादा इंपोर्टेंस देने लगे हैं. कपड़ों की बात करें तो लोग चाइनीज कपड़ों विशेष तौर पर छोटे बच्चों के कपड़े जिनमें नाइट सूट आदि शामिल है, लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. एक तो चीन से जो कपड़ा आता है वह पूरी तरीके से सिंथेटिक होता है, दूसरा लोगों को उसकी क्वालिटी भी भारत में बने कपड़े के मुकाबले ज्यादा पसंद नहीं आ रही है. वहीं दूसरी तरफ पिछले कुछ समय में बने माहौल की वजह से चीन की छवि काफी खराब हुई है ऐसे में लोग के लिए समान से दूरी बनाने लगे हैं.

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मोबाइल एक्सेसरीज की बात की जाए तो उसमें भी चीन एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन पिछले दो सालों में भारतीय कंपनियों ने मोबाइल एक्सेसरीज के क्षेत्र में न सिर्फ अपनी पकड़ बनाई है बल्कि अब बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियों ने इस क्षेत्र में भी एंट्री ले ली है. जिसके बाद अब भारतीय बाजारों में मोबाइल एक्सेसरीज भी भारत की बने कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में उपलब्ध है. लेकिन अभी कुछ एक्सेसरीज और मोबाइल पार्ट्स में कुछ ऐसी चीजें हैं. जो केवल चीन बना रहा है और इन चीजों का कोई और ऑप्शन न होने के चलते मेड-इन-चाइना की इन चीजों को खरीदना पड़ता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से लगातार मोबाइल पार्ट्स और मोबाइल एक्सेसरीज के क्षेत्र में भी चीनी सामान की डिमांड गिर रही है.

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व्यापार के अंदर शूज के सेक्टर की बात की जाए तो इस क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में चाइनीज कंपनियों का दबदबा था. क्योंकि चीन के प्रोडक्ट्स की फिनिशिंग काफी अच्छी होती है और उनकी क्वालिटी भी मेंटेन रहती है. जबकि भारतीय कंपनियां अपने प्रोडक्ट को आकर्षक फर्निशिंग नहीं दे पा रही थी. जबकि क्वालिटी चाइनीज प्रोडक्ट्स के टक्कर की थी. इस बीच बीते दो सालों में भारतीय कंपनियों ने अपने प्रॉडक्ट्स की क्वालिटी में और फर्निशिंग में काफी काम किया है. जिसके बाद अब भारतीय कंपनियों के जूते चाइनीज कंपनियों के मुकाबले काफी ज्यादा बिक रहे हैं और लोग चाइनीज आइटम्स में कम इंटरेस्ट ले रहे हैं.

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