नई दिल्ली:बुलडोजर को लेकर लगातार हो रही राजनीति के बीच राजधानी दिल्ली का सियासी पारा इन दिनों पूरी तरीके से गरमाया हुआ है. इस बीच आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली बीजेपी के प्रदेश आदेश गुप्ता ने कहा कि "केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास जैसे नीति को अपनाते हुए काम करती है. लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार तुष्टिकरण की राजनीति से पूरी तरह ग्रसित होकर कांग्रेस की राह पर निकल पड़ी है. आम आदमी पार्टी देश को बहुत नुकसान पहुंचाने वाली है क्योंकि अब 'आप' की तुष्टिकरण की राजनीति शिक्षा तक पहुंच चुकी है."
आदेश गुप्ता ने कहा कि "12 मई को दिल्ली शिक्षा निदेशक द्वारा जारी किया गए सर्कुलर में पब्लिक स्कूलों से अल्पसंख्यक वर्ग के सभी बच्चों का कोरोना काल के दौरान दिए गए ट्यूशन फीस वापस करने का निर्देश दिया गया है जो सही नहीं है. इसलिए भाजपा यह मांग करती है कि केजरीवाल तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठकर इस आदेश को तुरंत वापस लें और सभी वर्ग के गरीब बच्चों के लिए ट्यूशन फीस माफ करने का नया ऑर्डर जारी करें. धर्म विशेष की राजनीति करने वाले केजरीवाल को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कोरोना काल के दौरान सभी मध्यम वर्गीय परिवार या निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के अभिभावकों पर भी आर्थिक तंगी की मार पड़ी है ऐसे में उन्हें भी दिल्ली सरकार के द्वारा राहत दी जानी चाहिए."
आदेश गुप्ता ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि "आजादी के बाद जिस रास्ते पर कांग्रेस चली और देश में तुष्टिकरण की राजनीति को उसने अपनाया उससे देश को काफी नुकसान पहुंचा है. अब आप भी उसी रास्ते पर चल रही है जो सही नहीं है. आप की दिल्ली सरकार ने समानता का व्यवहार नहीं किया है. सरकार का फर्ज होता है समान नजर से देखना लेकिन केजरीवाल तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने पब्लिक स्कूलों की फीस नहीं माफ की. दिल्ली सरकार के तुष्टिकरण के ऑर्डर दिया है. दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने ऑर्डर जारी किया है कि पब्लिक स्कूलों द्वारा माइनॉरिटी बच्चों की ट्यूशन फीस वापिस की जाए. मेरी अपील है कि ये फैसला सबके लिए जारी होना चाहिए. सबको राहत मिलनी चाहिए."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि "केजरीवाल की मानसिकता साफ छलकती है कि वे एक धर्म विशेष को प्रश्रय देते हैं. टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करना, सीएए कानून का विरोध करना, बांग्लादेशी-रोहिंग्या को संरक्षण देना, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करना, कश्मीरी पंडितों के दर्द का मजाक उड़ाना, दंगाईयों का समर्थन करना और मस्जिदों के इमामों को 30 हजार रुपये सैलरी देने का काम करते हैं. केजरीवाल ने पिछले दो सालों में पब्लिक स्कूलों की फीस दोगुना कर दी है. अल्पसंख्यकों की ट्यूशन फीस कम करके केजरीवाल ने बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाने का काम किया है. ये सारी बातें केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की व्यवस्था को शर्मसार करती है."
ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप