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यूपी, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी लाउडस्पीकर्स को लेकर चढ़ा सियासी पारा

उत्तर प्रदेश के बाद अब राजधानी दिल्ली में भी लाउडस्पीकर को लेकर राजनीति ने तूल पकड़ लिया है. सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल और तीनों नगर निगमों को पत्र लिखे जाने के बाद अब दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. आदेश गुप्ता ने पत्र में मांग की है कि राजधानी दिल्ली में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों व अन्य जगहों पर लगे लाउडस्पीकर को तुरंत हटाया जाए. यह लाउडस्पीकर ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं, जिससे छोटे बच्चों, बुजुर्गों और लोगों को परेशानी होती है.

aadesh gupta
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Published : May 3, 2022, 1:03 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में लाउडस्पीकर के मामले पर मचे विवाद को लेकर राजनीति ने जोर पकड़ लिया है. इस बीच इस पूरे मामले में अब दिल्ली बीजेपी भी कूद गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पूरे मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों के आधार पर राजधानी में सभी धार्मिक स्थानों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली बीजेपी यह मांग करती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर के आधार दिल्ली सरकार बिना तुस्टीकरण के दिल्ली में सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई शुरू करे.

पूरे देश भर में इन दिनों धार्मिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. पहले उत्तर प्रदेश और फिर महाराष्ट्र और दिल्ली में भी इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. दिल्ली के अंदर भी लाउडस्पीकर के मामले को लेकर सियासी दलों की खींचतान शुरू हो गई है. बीते दिन पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा के द्वारा लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई करने के मद्देनजर दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के तीनों मेयर को पत्र लिखे जाने के बाद सोमवार देर शाम दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी इस पूरे मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी धार्मिक संस्थानों से लाउड स्पीकर्स को हटवाने के मद्देनजर कार्रवाई करने की मांग की है.

लाउडस्पीकर्स को हटाने को लेकर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता की पीसी

इस सबके बीच मंगलवार सुबह दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पूरे मामले पर मीडिया के सामने आकर बातचीत की. आदेश गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि "वर्तमान समय में राजधानी दिल्ली के अंदर चाहे वह वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण या फिर ध्वनि प्रदूषण हो सब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है. जिस पर अब लगाम लगाना आवश्यक है. आज देश के कई राज्यों में ध्वनि प्रदूषण पर लाउडस्पीकर को लेकर न सिर्फ गंभीर चर्चा हो रही है बल्कि कुछ राज्यों में लाउडस्पीकर पर रोक भी लगा दी गई है. इस तरह के फैसले का नागरिकों ने भी स्वागत किया है. लाउडस्पीकर के शोर के चलते पढ़ने वाले छात्रों-छात्राओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं उसके तहत राज्य सरकारों को ही निर्धारित करना है कि सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाएं. देश के अंदर बहुसंख्यक समाज ने लाउडस्पीकर पर रोक लगाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गंभीरता से लेने के साथ उसका समर्थन किया है.

लाउडस्पीकर्स हटाने की कार्रवाई शुरू करे दिल्ली सरकार

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में दस्तक दे चुके लाउडस्पीकर विवाद पर आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे विषय पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ जाने के बाद दिल्ली सरकार के द्वारा अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से अभी तक नहीं निभाया गया है. सोमवार को दिल्ली बीजेपी ने इसी विषय पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर सभी धार्मिक स्थानों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लाउडस्पीकर हटाने की मांग भी की है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट तौर पर कहा है कि लाउडस्पीकर को लेकर नियम निर्धारित हैं. साइलेंट जोन में लाउडस्पीकर नहीं बजाए जा सकते और अगर लाउडस्पीकर बजाने भी हैं कोई तो उसके लिए प्रशासन से पहले इजाजत लेना अनिवार्य है. जब दुबई और इंडोनेशिया जैसे देशों में लाउडस्पीकर्स पर रोक लगा दी गई है तो दिल्ली में क्यों नहीं लगाई जा सकती है. आदेश गुप्ता ने पूरी विषय पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो आदेश जारी किये गए हैं उसमें संस्थानों, बैंक्विट हॉल और अन्य बंद जगहों पर लाउडस्पीकर बजाने के मद्देनजर समय को निर्धारित किया गया है. लेकिन मस्जिदों को लेकर कोई भी जिक्र नहीं किया गया है. दिल्ली सरकार तुष्टीकरण की नीति छोड़ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का करे पालन.

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