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Modi Govt. Ordinance: दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने किया फैसले का स्वागत, कहा- केजरीवाल कर रहे थे मनमानी - सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र ने अध्यादेश

दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र ने अध्यादेश जारी किया है. इस फैसले को जहां दिल्ली सरकार ने कोर्ट की अवमानना बताया. वहीं, दिल्ली बीजेपी ने इसका स्वागत किया है. कई नेताओं ने इसे सही फैसला बताया है.

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Published : May 20, 2023, 8:28 AM IST

Updated : May 20, 2023, 9:29 AM IST

बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने शुक्रवार (19 मई) को बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई है. सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दे दिए हैं. वहीं इस फैसले पर दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने खुशी जाहिर की है.

दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है. पूरे भारत का इस पर अधिकार है और पिछले काफी समय से दिल्ली की प्रशासकीय गरिमा को स्थानीय अरविंद केजरीवाल सरकार ने ठेस पहुंचाई है. दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है, उससे विश्वभर में भी भारत की गरिमा खराब होती है. इस सरकार के भ्रष्टाचार ने भी दिल्ली को काफी शर्मसार किया है और अब गत एक सप्ताह में जिस तरह अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया, उसके चलते केन्द्र सरकार जो अध्यादेश लाई है, दिल्ली बीजेपी उसका स्वागत करती है.

वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस फैसले का स्वागत किया है. वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी का ये निर्णय स्वागत योग्य है. पिछले कुछ दिनों में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों द्वारा जिस प्रकार अफसरों को धमकाने, खुद के करप्शन से जुड़ी फाइलों को नष्ट करने की कोशिश और दिल्ली में अराजकता और भय फैलाने की साजिशें हुईं, वो सारे देश ने देखी. इस नए अध्यादेश के बाद दिल्ली के प्रशासन को लेकर एक स्पष्टता आएगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी आवश्यकता की तरफ इशारा किया था.

ये भी पढ़ेंः केंद्र पर हमलावर हुई दिल्ली सरकार, कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश पूरी तरह से कोर्ट की अवमानना

मिश्रा ने कहा कि इस अध्यादेश में साफ लिखा है कि दिल्ली यूनियन टेरिटरी है, लेकिन विधायिका के साथ. दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति कार्यालय कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और अथॉरिटीज काम कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट समेत कई संवैधानिक संस्थाएं हैं. विदेशी और तमाम ऑफिस हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है.

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Last Updated : May 20, 2023, 9:29 AM IST

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