नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन 4 खत्म हो गया है. लेकिन लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई है. अभी भी पूरी तरह से उद्योग धंदे शुरू नहीं हुए हैं. रेहड़ी पटरी वालों का काम बंद है.
सियासी लाभ की ताक में बीजेपी नेता इसी तरह से मजदूर काम की तलाश में है. इस स्थिति में अभी भी दिल्ली के लाखों लोग दूसरों से मिलने वाली सहायता पर निर्भर है. इसे ध्यान में रखते हुए भी प्रदेश बीजेपी का सेवा कार्य भी अभी जारी रहेगा.
जरूरतमंदों की सेवा जारी
लॉकडाउन के दौरान जिस तरह सेवा कार्य में पार्टी के तमाम नेता मैदान में उतरे थे. वो इस आस में बैठे हैं कि जब प्रदेश में संगठनात्मक बदलाव होगा, तो उन्हें अहम पद और जिम्मेदारी इस बूते मिल जाएगी.
हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने और उनकी बाकी परेशानी दूर करने के कहा है. लोगों को संक्रमण से बचाने को वो जागरूक करेंगे और जरूरत के मुताबिक सैनिटाइजेशन भी कराने के निर्देश दिए गए हैं.
केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़क पर बीजेपी नेता
यही नहीं, पार्टी के नेता सेवा कार्य के साथ ही दिल्ली सरकार के खिलाफ भी आज से मोर्चा खोलने जा रहे हैं. पार्टी के प्रदेश स्तर के बड़े नेता आज अलग-अलग जगहों पर धरना-प्रदर्शन कर दिल्ली सरकार की नाकामी को हुए लोगों को बताएंगे.
इन जगहों पर करेंगे प्रदर्शन
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी स्वयं राजघाट पर तो पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू कनॉट प्लेस में, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता रोहिणी में, राजेश भाटिया राजेंद्र नगर में, पूर्वी दिल्ली में महेश गिरी, दक्षिणी दिल्ली में सांसद रमेश बिधूड़ी समेत अन्य नेता आज दोपहर में दिल्ली सरकार के खिलाफ लोगों बताने के लिए सड़कों पर उतरेंगे.
संकटकाल में सरकार की भूमिका पर सवाल
दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी सरकार की करोना संकट काल में अभी तक जो भूमिका रही है. इससे निराशाजनक बताते हुए बीजेपी का कहना है कि सरकार अब अपने कर्मचारियों और अधिकारियों तक को उपेक्षित कर रही है.
नतीजा है कि मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार का चेहरा चमकाने के लिए विज्ञापन में तो करोड़ों रुपए बहा दिए और अब वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं है. करोना के दस्तक देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली के तैयार होने की बात कही थी और आज तमाम अस्पतालों की हालत खस्ता है. मरीज को बेड नहीं मिल रहा है.
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के तमाम नेता अभी तक चुप्पी साधे हुए थे. सरकार के कामकाज पर कोई सवाल ना उठाते हुए अपने चुनाव हारने के मंथन में लगे थे. लेकिन कोरोना काल में जिस तरह सरकार का रवैया दिल्ली वालों के प्रति रहा उसे देखते हुए पार्टी के नेता दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए उतर रहे हैं.