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प्रदूषण से खराब हुई Delhi NCR की हवा, Red Zone में कई इलाकों का AQI

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (pollution in Delhi NCR) से स्थिति फिर खराब होती जा रही है. कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज यानि 9 दिसंबर को सुबह 8 बजे के करीब दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 308 दर्ज किया गया है.

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Published : Dec 9, 2022, 11:28 AM IST

Updated : Dec 10, 2022, 1:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर अत्यंत खराब और गंभीर श्रेणी (300-400 AQI) में दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ्य से संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी और अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है. Average Air Quality Index in Delhi

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अलीपुर 326
शादीपुर 327
डीटीयू दिल्ली 260
आईटीओ दिल्ली 243
सिरिफ्फोर्ट 296
मंदिर मार्ग 295
आरके पुरम 343
पंजाबी बाघ 324
लोधी रोड 208
नॉर्थ केंपस डीयू 293
सीआरआरआई मथुरा रोड 270
पूसा 278
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल 3 280
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 307
नेहरू नगर 348
द्वारका सेक्टर 8 338
पटपड़गंज 321
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 301
अशोक विहार 319
सोनिया विहार 322
जहांगीरपुरी 365
रोहिणी 329
विवेक विहार 331
नजफगढ़ 277
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 311
नरेला 366
ओखला फेस टू 291
वजीरपुर 320
बवाना 340
श्री औरबिंदो मार्ग 293
मुंडका 335
आनंद विहार 345
IHBAS दिलशाद गार्डन 288

० गाजियाबाद

वसुंधरा 306
इंदिरापुरम 194
संजय नगर 250
लोनी 271

० नोएडा

सेक्टर 62 397
सेक्टर 125 185
सेक्टर 1 237
सेक्टर 116 264

० Air quality Index की श्रेणी:- एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

० (PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी:- वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

० Sinusitis और Bronchitis का खतरा:- डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

Last Updated : Dec 10, 2022, 1:05 PM IST

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