नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट आईएनएक्स मीडिया डील केस मामले में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर आज दोपहर ढाई बजे के बाद फैसला सुनाएगा. मामले में कोर्ट ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम ने कहा था कि वे इंद्राणी मुखर्जी से कभी नहीं मिले थे. चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंरबम कभी भी आईएनएक्स के डेलीगेशन से नहीं मिले थे.
कोर्ट ने पूछे थे दस्तावेजों के स्रोत
पिछले 25 सितंबर को चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि जिन दस्तावेजों पर सवाल उठाया जा रहा है. वो चिदंबरम ने अपनी पत्नी नलिनी और पुत्र कार्ति चिदंबरम से हासिल किए थे. सिंघवी ने कहा था कि ये दस्तावेज ईडी के भरोसेमंद दस्तावेजों का हिस्सा थे. दरअसल कोर्ट ने पहले की सुनवाई के दौरान चिदंबरम से पूछा था कि उन दस्तावेजों के स्रोत बताएं.
सिंघवी ने कहा था कि एडवांटेज इंडिया कंपनी को कंसल्टेंसी की फीस दी गई थी और इसका आधार इंद्राणी मुखर्जी का बयान है जो अपनी बेटी की हत्या के मामले में जेल में बंद है. चिदंबरम के खिलाफ जो गैर जमानती वारंट जारी किया गया वो गैरकानूनी है और उनकी गिरफ्तारी उसी गैरकानूनी वारंट के आधार पर किया गया.
पद का नहीं किया व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल
सीबीआई के जवाबी हलफनामे में उन्होंने बताया कि उन्होंने वित्त मंत्री पद का व्यक्तिगत फायदे के लिए कभी दुरुपयोग नहीं किया. उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर पहले ही जारी किया जा चुका है और ऐसे में हमारे कहीं भागने की कोई संभावना नहीं है.
चिदंबरम ने अपने हलफनामे में कहा था कि आईएनएक्स मीडिया डील की अनुमति स्वीकृत मानदंड के मुताबिक दी गई थी. उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और ये बैंक धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं है.
चिदंबरम ने कहा था कि इंद्राणी मुखर्जी भरोसेमंद नहीं क्योंकि वे और उनके पति के खिलाफ हत्या के एक मामले में जब सीबीआई ने जांच शुरू की तो वे इस मामले में सरकारी गवाह बन गईं.