नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में आए दिन किसी न किसी वन्य जीव की मौत का मामला सामने आ रहा है. बता दें कि मैसूर चिड़ियाघर से लाए गए रॉयल बंगाल टाइगर रामा की बीमारी के चलते मौत हो गई है.
चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि रामा के भीतरी अंगों में विकृति होने से संक्रमण फैल गया जिसके चलते रामा की मौत हो गई. इस मामले में चिड़ियाघर प्रशासन ने एक विशेष समिति का गठन भी किया गया है जो रामा की मौत की जांच करेगी और तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
साढ़े आठ वर्ष थी रॉयल बंगाल टाइगर की उम्र
दिल्ली के चिड़ियाघर में कुल तीन नर बाघ हैं जिसमें से एक नर बाघ की मौत हो गई है. इस रॉयल बंगाल टाइगर की उम्र लगभग साढ़े आठ वर्ष की थी और इसे मैसूर के चिड़ियाघर से दिल्ली लाया गया था. इस मामले को लेकर चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि रामा के इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी. पिछले कई दिनों से रामा की तबीयत खराब चल रही थी और नेशनल जूलॉजिकल पार्क और इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशिष्ट चिकित्सकों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था.
इस वजह से रामा की मौत हुई
पोस्टमार्टम से मिली रिपोर्ट के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि रामा के अंदरूनी अंगों में विकृति आने के चलते सेप्टीसीमिया का संक्रमण हुआ था जिसके चलते फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था और इसी वजह से रामा की मौत हो गई.
स्वभाव हो गया था चिड़चिड़ा
बता दें कि मैसूर चिड़ियाघर से लाए गए रॉयल बंगाल टाइगर रामा को दिल्ली चिड़ियाघर के बीट नंबर पांच में रखा गया था. गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की वजह से रामा कुछ खा नहीं पा रहा था केवल पानी पीकर ही रह रहा था. साथ ही उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो गया था जिसके चलते उसने केयरटेकर पर भी हमला किया था और उस हमले में केयरटेकर के हाथ पर गहरी चोट भी आई थी.
चिंपैंजी और भालू की तबियत खराब
बता दें कि चिड़ियाघर में मौत का यह कोई पहला वाक्या नहीं है. कुछ दिन पहले ही चिड़ियाघर से अफ्रीकन भैंसे की मौत की बात सामने आई थी. वहीं अगस्त के आखिरी महीने में काला हिरण और जंगली सुअर की भी मौत की खबर सुनाई दी थी. फिलहाल चिड़ियाघर में एशिया की सबसे उम्रदराज चिंपैंजी रीटा की हालत गंभीर बनी हुई है. साथ ही भालू की भी तबियत खराब चल रही है.