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DDA फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी, फर्जी कॉल सेंटर खोल मांगे 2 लाख

डीडीए का फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है. कोई फर्जी कॉल सेंटर खोलकर लोगों से कहता है कि बैंक अकाउंट में पैसे डाल दो तो तुम्हें डीडीए फ्लैट मिल जाएगा.

DDA फ्लैट ठगी ETV BHARAT

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Published : Sep 12, 2019, 2:40 PM IST

नई दिल्ली:डीडीए आवासीय योजना में असफल आवेदक ठगों के निशाने पर हैं. डीडीए का फर्जी कॉल सेंटर खोलकर कोई शख्स लोगों को फोन कर रहा है. उन्हें फ्लैट दिलवाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये एक बैंक खाते में मांगे जा रहे हैं.

ऐसी कई शिकायतें डीडीए को मिली है. डीडीए ने लोगों से अपील की है कि वो ऐसे जालसाजों से सावधान रहें.

DDA फ्लैट के नाम पर ठगी

निशाने पर वेटिंग लिस्ट के आवेदक
जानकारी के मुताबिक डीडीए की साल-2019 आवासीय योजना में कुल 45 हजार लोगों ने फ्लैट के लिए आवेदन किये थे. ड्रा के जरिये इनमें से 8800 लोगों को फ्लैट अलॉट हुए थे.
जबकि 2 हजार लोगों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया था. उन्हें बताया गया था कि अगर कोई फ्लैट वापस करता है तो उन्हें यह फ्लैट दिए जाएंगे. इस वजह से कई लोग फ्लैट पाने की उम्मीद लगाए हुए हैं.

डीडीए से मिलते-जुलते नंबर का इस्तेमाल
डीडीए की आवासीय योजना की वेटिंग लिस्ट में शामिल और असफल आवेदकों को कॉल सेंटर से फोन किया जा रहा है. इस कॉल सेंटर का नंबर (18002122593) डीडीए के कॉल सेंटर के नंबर से काफी मिलता-जुलता है.
इस नंबर से कॉल कर लोगों को बताया जा रहा है कि उन्हें डीडीए का फ्लैट मिल सकता है.

इसके लिए उनसे एक बैंक खाते में 2 लाख रुपये जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. ये बैंक खाता डीडीए हाउसिंग स्कीम के नाम से है, लेकिन वास्तव में ये डीडीए का नहीं बल्कि इन जालसाजों का है.

डीडीए को मिली हैं कई शिकायतें
डीडीए के मुताबिक उन्हें इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं. शिकायतकर्ता ने बताया है कि उन्हें कॉल कर डीडीए फ्लैट का आफर दिया गया है. इसके लिए उनसे बैंक खाते में रुपये मांगे गए हैं. डीडीए ने इस तरह की शिकायत आने पर एक तरफ जहां लोगों से सावधान रहने की अपील की है तो दूसरी तरफ इसकी जांच भी करवा रही है.


कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में
इस मामले में डीडीए के कर्मचारियों की भूमिका भी सन्देह के घेरे में है. दरअसल डीडीए ने वेबसाइट पर वेटिंग लिस्ट में शामिल लोगों की सूची जारी की थी. लेकिन इनमें कहीं भी उनका मोबाइल नंबर नहीं था.

इसलिए ये सवाल उठ रहा है कि जालसाजों के पास इनके मोबाइल नंबर कहां से आये. ये मोबाइल नंबर तो केवल डीडीए के पास हैं. डीडीए इसकी जांच करवा रहा है.

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