नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने शनिवार को 'हेल्पलाइन 181' के संदर्भ में वार्षिक रिपोर्ट जारी की. इस दौरान डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच 181 टोल-फ्री वुमेन हेल्पलाइन पर 6,30,288 कॉल रिसीव हुई. इसमें 92,004 यूनिक केस और 11,187 दूसरे राज्यों से जुड़े केस रिपोर्ट हुए. डेटा की मानें तो सबसे ज्यादा 38,342 शिकायतें घरेलू हिंसा की थी. इसके अलावा पड़ोसियों से झगड़े की 9,516 शिकायत, रेप और यौन उत्पीड़न की 5,895 शिकायत, पॉक्सो मामले में 3,647 शिकायत, किडनैपिंग की 4,229 शिकायत, साइबर क्राइम की 3,558 शिकायत, वरिष्ठ नागरिकों द्वारा 3,144 शिकायत और गुमशुदगी की 1,552 शिकायत मिली.
आयोग के प्रति बढ़ा भरोसा:स्वाति मालीवाल ने बताया कि डीसीडब्ल्यू के प्रति भरोसा बढ़ा है, यही वजह है कि अब महिलाएं और पीड़ित 'हेल्पलाइन 181' का यूज कर रही हैं. कमिशन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है. शिकायत मिलने पर डीसीडब्ल्यू की टीम, मौके पर जाकर पीड़ित से मुलाकात करती है और जरूरत पड़ने पर पुलिस स्टेशन और हॉस्पिटल तक ले जाती है. साथ ही पीड़िताओं की काउंसिल भी की जाती है. हेल्पलाइन के लिए 40 से अधिक लोगों की टीम है, जो दिन-रात काम करती है. वहीं 100 से अधिक ग्राउंड काउंसलर भी हैं.
ऐसे की जाती है मदद: उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में देखा जाता है कि 181 हेल्पलाइन पर पीड़िता की बात सुनकर, संबंधित विभाग को फॉरवर्ड कर कर दिया जाता है, जबकि डीसीडब्ल्यू आगे बढ़कर मदद करता है और महिलाओं से मुलाकात करता है. तभी दिल्ली में कॉल्स की संख्या बढ़ी हैं. सभी कॉल्स को उसकी गंभीरता के हिसाब से ऑपरेट किया जाता है. जैसे ही हेल्पलाइन काउंसलर को किसी संकटग्रस्त महिला या लड़की का कॉल आता है, वह काउंसलिंग शुरू कर देती है और कॉल करने वाले की पूरी सहायता करती है. यदि तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है तो हेल्पलाइन टीम इन शिकायतों को आयोग के मोबाइल हेल्पलाइन कार्यक्रम में भेजती है.
दी जाती है जानकारी भी: इसके बाद मौके पर पहुंचने और पीड़ित की सहायता करने के लिए परामर्शदाताओं की एक टीम भेजी जाती है. यदि शिकायतकर्ता को पुलिस सहायता या एम्बुलेंस की आवश्यकता होती है, तो कॉल काउंसलर पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित करता है और उसके काउंसलर के लिए एक पीसीआर वैन की व्यवस्था करता है. आवश्यकता होने पर पीड़ित को एम्बुलेंस सेवा भेजी जाती है. 181 महिला हेल्पलाइन उन लोगों की भी मदद करती है, जो महिलाओं और लड़कियों के लिए उपलब्ध विभिन्न सहायता सेवाओं और सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी चाहते हैं.
अन्य राज्यों से भी मिली शिकायतें:जानकारी के अनुसार, दिल्ली महिला आयोग को पिछले एक साल (जुलाई 2022-जून 2023) में 181 महिला हेल्पलाइन पर 6 लाख से अधिक कॉल (6,30,288) प्राप्त हुई, जिसके माध्यम से आयोग की 181 हेल्पलाइन पर 92,004 शिकायत दर्ज की गई हैं. आयोग को अन्य राज्यों से भी 11,000 से अधिक शिकायतों की जानकारी मिली है. विभिन्न प्रकार की शिकायतों में दहेज उत्पीड़न की 2,278 शिकायत, चिकित्सा में लापरवाही की 790 शिकायत, तस्करी की 40 शिकायत, बाल विवाह की 69 शिकायत, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की 67 शिकायत, बाल श्रम की 66 शिकायत, अवैध शराब और नशीली दवाओं से जुड़ी 63 शिकायत, ऑनर किलिंग की 54 शिकायत एवं अन्य कई तरह की शिकायतें प्राप्त हुई हैं.