नई दिल्ली:DCPCR के मुताबिक हर एक जिले में हर महीने एक बैठक सुनिश्चित की जानी चाहिए. इसमें बाल श्रमिकों के बचाव, पुनर्वास और बाल श्रम कोष का कुशल उपयोग हो. इन तीनों पहलुओं पर बेहतर चर्चा सुनिश्चित की जाए. इसी के साथ हर एक इलाके में बाल श्रम के खतरे पर जागरूकता पैदा करने के लिए भी अभियान चलाया जाए.
बाल श्रम को लेकर इलाके में नजर रख रही DCPCR
इसके साथ ही DCPCR ने बाल श्रम मुक्त दिल्ली अभियान के लिए कई उपाय शुरू भी कर दिए हैं. इसके अंतर्गत जिन बच्चों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाई गई है. उन पर नजर रखी जा रही है. साथ ही बाल श्रम की घटनाओं को लेकर सिविल सोसाइटी को जानकारी दी जा रही है और समाज में इसको लेकर जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है.