नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली बाल एवं अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) दिल्ली से बाल श्रम को खत्म करने के लिए विभिन्न कानूनों के तहत काम कर रहा है. इसी कड़ी में DCPCR की तरफ से जानकारी दी गयी है कि उनके द्वारा पिछले तीन सालो में (2016-17 से 2019-20) के बीच 202 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया गया है, जबकि पिछले एक साल (2020-21) में 331 बच्चों को बचाया गया.
एक साल में 331 बच्चों को मिली मजदूरी से मुक्ति संयुक्त कार्रवाई से बचे बच्चे DCPCR द्वारा जानकारी दी गई की रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उन्होंने देखा की अलग-अलग उम्र के बच्चे फैक्ट्रियों, बैकरी यूनिटों, खरात मशीन इकाइयों, ऑटो इकाइयों के अलावा आवासीय कॉलोनियों में भी घरेलू नौकर के रूप में काम कर रहे थे, इन्हें उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम), दिल्ली पुलिस, श्रम विभाग, चाइल्डलाइन और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की मदद से बचाया गया है.
दिल्ली: अब फाइव स्टार होटल में भी होगा कोरोना इलाज, देने होंगे हर दिन 5 हजार
इसके अलावा एसडीएम की ओर से बाल मजदूरी कराने वाली इकाइयों और घरों को सील किया गया है. दिल्ली पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है, साथ ही इन बच्चों को उसी दिन बाल कल्याण समितियों के समक्ष पेश किया गया, इसके अलावा बच्चों के पुर्नवास के लिए उनके परिवारों का पता लगाने के लिए जांच की गई.
कार्यों में 490 फीसदी की बढ़ोत्तरी
DCPCR की तरफ से बताया गया कि इन मामलों में देखा गया कि अधिकांश मामलों में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न करना, लंबे समय तक काम करने के घंटे और बच्चों की अस्वस्थ हालात देखने को मिली. इसके साथ ही DCPCR ने बताया कि को बाल श्रम मुक्त करने की प्रतिबद्धता को दिखाते हुए DCPCR के बचाव कार्यों में लगभग 490 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
गरीबी ने बच्चों को बनाया मजदूर
DCPCR के मुताबिक कोविड 19 महामारी और बेरोजगारी के कारण परिवारों की कम आय ने बच्चों को भी मजदूरी की ओर धकेल दिया है, इसलिए इन बच्चों का पुनर्वास अत्यंत महत्वपूर्ण है. DCPCR ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूलों में नामांकन कराने और विभिन्न सरकारी योजनाओं में परिवार की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, डीसीपीसीआर ने जिन बच्चों को बचाया है उनके लिए आर्थिक मदद की प्रक्रिया शुरू की गयी है.
बालश्रम की जानकारी देने वालों को मिलेगा पुरस्कार
DCPCR के अध्यक्ष अनुराग कुंडू का कहना है कि बाल श्रम को केवल जनता द्वारा जानकारी देकर ही रोका जा सकता है, लोगों को डीसीपीसीआर के व्हाट्सएप नंबर 9599001855 पर बाल श्रम की घटनाओं की जानकारी देने के लिए प्रेरित किया गया है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ऐसे लोगों को DCPCR द्वारा पुरस्कृत भी किया जायेगा.