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DU एडमिशन: दौलत राम कॉलेज उड़ा रहा डीयू के नियम की धज्जियां?

दिल्ली विश्वविद्यालय के निर्देशों को दौलत राम कॉलेज ने ताक पर रखकर छात्रों से उनके मूल दस्तावेज़ जमा करवाए. प्रिंसिपल की दलील दाखिले में न हो गड़बड़ी इसके चलते उठाया कदम.

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Published : Jul 9, 2019, 12:13 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 12:35 PM IST

दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं डीयू ने दाखिले के लिए जरूरी दिशा निर्देश सभी कॉलेजों तक पहुंचा दिए हैं. जिसके आधार पर दाख़िले लिए जा रहे हैं.

ताक पर रखे दिशा निर्देश
डीयू ने सभी कॉलेजों को यह निर्देश दिए थे कि वे छात्रों से उनके दस्तावेज़ों यानि मार्कशीट की मूल प्रति दाखिले के समय जमा न करवाएं. वहीं डीयू के अंतर्गत आने वाले दौलत राम कॉलेज में डीयू के निर्देश को ताक पर रखकर छात्रों से उनके मूल दस्तावेज़ भी जमा करवाए जा रहे हैं.

दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल

'दाखिले में गड़बड़ी ना हो इसलिए उठाया गया कदम'

वहीं इसको लेकर दौलतराम कॉलेज की प्रिंसिपल ने कहा कि दाखिले में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके चलते यह कदम उठाया गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों में इन दिनों दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं इस सत्र के दाखिला प्रक्रिया में छात्रों की सहूलियत को देखते हुए कुछ बदलाव किए गए हैं.


ये सभी बदलाव कॉलेजों तक पहुंचा दिए गए हैं. जिनके आधार पर सभी कॉलेज छात्रों का दाखिला ले रहे हैं. वहीं ऐसा ही एक बदलाव जो इस बार डीयू ने किया था वह ये था कि इस सत्र से दाखिले के समय छात्रों को अपने मार्कशीट की मूल प्रति जमा नहीं करवानी है. केवल वेरिफिकेशन करवाकर छात्र मूल प्रति वापस ले जा सकते हैं.

दौलतराम कॉलेज का नियम से इनकार
जहां सभी कॉलेज डीयू के इस दिशा निर्देश के अनुसार दाखिला ले रहे हैं वहीं एक कॉलेज ऐसा भी है जिसने दाखिले में गड़बड़ी का हवाला देते हुए इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है.

दौलत राम कॉलेज में दाखिले के समय ही छात्रों से फोटोकॉपी के साथ-साथ दसवीं की ओरिजनल मार्कशीट भी जमा करवाई जा रही है. इसको लेकर दौलतराम कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर सविता रॉय का कहना है कि मूल प्रति जमा करवाने से ये निर्धारित हो जाएगा कि छात्र किसी और कॉलेज में दाखिला न ले सके जिससे सीट का नुकसान न हो.

डीयू की एक-एक सीट कीमती
प्रोफेसर सविता ने बताया कि अक्सर छात्र पहली कटऑफ निकलने पर डीयू में दाखिला तो ले लेते हैं लेकिन आगे चलकर अगर उन्हें अपने राज्य के किसी कॉलेज का कोर्स पसंद आ जाता है, तो वह वहां दाखिला लेने की कोशिश करता है. वहीं यदि हम छात्रों के दस्तावेजों की मूल प्रति नहीं जमा करवाएंगे तो कोई भी छात्र डीयू में दाखिला लेने के बाद किसी और विश्वविद्यालय में भी आसानी से दाखिला ले सकेगा. उन्होंने कहा कि डीयू में दाखिले के लिए देशभर से छात्र आते हैं.


ऐसे में डीयू की एक-एक सीट बहुत कीमती हो जाती है. ऐसे में एक छात्र यदि दो विश्वविद्यालयों में दाखिला ले ले तो एक सीट बेकार हो जाएगी. इन्हीं सब संभावनाओ को रोकने के लिए कॉलेज प्रशासन ने फोटोकॉपी के साथ साथ ओरिजनल मार्कशीट और सर्टिफिकेट भी जमा करने का फैसला लिया है.


साथ ही प्रोफेसर सविता ने कहा कि यदि किसी छात्र को इंटरव्यू या किसी अन्य जरूरी काम के लिए मूल दस्तावेज़ों की जरूरत होगी तो कॉलेज प्रशासन दो घंटे के अंदर ही छात्रों को सभी दस्तावेज़ मुहैया कराएगा. हालांकि छात्र को लिखित में दस्तावेज़ मांगने की वजह देनी पड़ेगी साथ ही यह भी लिखना होगा कि वह निश्चित समय में मूल दस्तावेज़ कॉलेज में दोबारा से जमा करवा देगा.

Last Updated : Jul 9, 2019, 12:35 PM IST

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