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बजट को लेकर CTI ने की चर्चा, सुझावों के साथ वित्त मंत्री को लिखा पत्र - सीटीआई बैठक वित्त मंत्री दिल्ली

दिल्ली में चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने आने वाले 2021-22 के बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कई अहम मुद्दों को लेकर सुझाव और समस्याएं बताई हैं.

CTI discusses budget in Delhi, Wrote letter to Finance Minister regarding budget
सीटीआई ने रोजगार के सुझाव दिए

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Published : Dec 29, 2020, 5:43 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली में व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने आने वाले 2021-22 के बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कई अहम मुद्दों को लेकर सुझाव और अपनी समस्याएं बताई हैं. दरअसल बजट 2021-22 को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग व्यापारी संगठनों से उनके सुझाव और समस्याएं मांगी थींं. जिसको लेकर CTI ने तमाम व्यापारियों, फैक्ट्री मालिकों, महिला कारोबारियों, टैक्स एक्सपर्ट आदि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. आने वाले बजट को लेकर चर्चा की.

सीटीआई ने रोजगार के सुझाव दिए


व्यापारियों के सुझाव

1.इनकम टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख होनी चाहिए. टैक्स रिबेट द्वारा 5 लाख तक के टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स से दी गई छूट का लाभ सभी मध्यम एवं स्वर्गीय टैक्सपेयर जिनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा है, उनको भी मिलना चाहिए.

2. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 2 साल पहले के कैश पेमेंट की लिमिट को 20,000 से घटाकर 10,000 कर दिया गया था. लेकिन नगद लेनदेन व्यापार एक जरूरी हिस्सा है, 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' और परंपरागत तरीके से व्यापार करने वाले लोगों को इससे सुविधा होती है, इसीलिए दोबारा से इसे लागू किया जाना चाहिए.


3.साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे उपाय करें जिससे कि निवेश बढ़े और ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हो.

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4. साथ ही कच्चे माल की इंपोर्ट ड्यूटी को भी कम किया जाना चाहिए. क्योंकि बहुत सारा रॉ मैटेरियल विदेशों से आता है ऐसे में व्यापारियों पर काफी बोझ पड़ता है.



5.उन्होंने वित्त मंत्री को दिए सुझाव में कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर नियंत्रण लगाना जरूरी है. क्योंकि इन इ कॉमर्स कंपनियों के जरिए विदेशी कंपनियां मुनाफा कमा रही है. देश का पैसा विदेश जा रहा है जिससे देश के खुदरा बाजार को भारी नुकसान हो रहा है.

6. इसके साथ ही व्यापारियों ने जीएसटी के नियमों में भी संशोधन को लेकर मांग की है व्यापारियों ने कहा है कि कई वस्तुओं पर टैक्स की दरें ज्यादा है जिन्हें कम किया जाना चाहिए.

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