दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

CTI की केंद्र सरकार से अपील: ई-काॅमर्स कंपनियों से पूछे जाएं उत्पादों के सोर्स - सीटीआई की केंद्र से अपील

व्यापारियों के संगठन चेम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने अब ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए बिक रहे चीनी सामानों के खिलाफ आवाज उठाई है.

CTI appeal to govt to ask e commerce companies about products source
सीटीआई के संयोजक ने केंद्र सरकार से की ये अपील

By

Published : Jun 25, 2020, 9:19 PM IST

नई दिल्ली:भारत के बाजारों पर चीन की पकड़ ढीली करने को लेकर व्यापारी मुखर हो रहे हैं. व्यापारियों के संगठन चेम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने अब केंद्र सरकार से अपील की है कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए धड़ल्ले से बेचे जा रहे चीनी सामानों की बिक्री पर लगाम लगाए.

सीटीआई के संयोजक ने केंद्र सरकार से की ये अपील

ई-कॉमर्स कंपनियों पर नकेल

सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल ने इसे लेकर वीडियो के जरिए केंद्र को अपील की है. इसमें उन्होंने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियां सस्ते चीनी सामानों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए आसान प्रवेश बिंदु बन गई है. इसके जरिए ग्राहकों को उत्पाद की तस्वीरों या वीडियो पर भरोसा करना पड़ता है, इसलिए ई-कॉमर्स में गुणवत्ता का न्याय करना असंभव हो जाता है और इसका खामियाजा भारतीय निर्माता भुगत रहे हैं.

उत्पादक देश के नाम का उल्लेख

उन्होंने कहा कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि प्रत्येक उत्पाद के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ओरिजिन देश का उल्लेख करना अनिवार्य करें. ई-मार्केट पर किसी भी सामान की बिक्री के लिए उस सामान के मूल स्थान की जानकारी देना अनिवार्य होना चाहिए. इसके अलावा, सरकारी ई-प्लेटफार्म पर अब ऐसे किसी भी सामान की बिक्री नहीं होनी चाहिए, जिसमें उसके उत्पादक मूल देश का उल्लेख नहीं किया गया हो.

लगाया जाए जुर्माना

बृजेश गोयल ने कहा कि इस फैसले से खरीददार को यह पता चल जाएगा कि जिस सामान को वह खरीद रहा है, वह किस देश में बनाया गया है. अमेजाॅन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे निजी ई-काॅमर्स प्लेटफार्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि सरकार को इन कंपनियों को सख्त हिदायत देनी चाहिए कि वे उत्पाद पर मूल उत्पादक देश के नाम का उल्लेख करें. ऐसा नहीं किए जाने पर सख्त जुर्माना लगाया जाना चाहिए और गलत जानकारी देने पर आपराधिक कार्रवाई भी होनी चाहिए.

सरकार को सीटीआई का सुझाव

व्यापारियों की तरफ से बृजेश गोयल ने कहा है कि ऐसा किए जाने से भारत में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. सीटीआई ने सरकार को यह सुझाव भी दिया है कि भारत में असेंबल उत्पाद को सरकार मेड इन इंडिया की कैटेगरी में रख सकती है. इसके अलावा अगर किसी उत्पाद पर 40 से 50 फीसदी तक वैल्यू एडिशन किया गया है, तो उसे भी स्थानीय उत्पाद की श्रेणी में रखा जा सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details