नई दिल्ली:आज शारदीय नवरात्रि ( shardiya navratri 2023) का अंतिम दिन है. नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है इसके बाद हवन किया जाता है और कन्याओं को भोजन कराया जाता है. माता के दर्शन करने के लिए दिल्ली के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है. झंडेवालान मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार देखने को मिल रही है. मंदिर में सुबह की आरती की गई. ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं यहां माता के दर्शन करने मात्र से भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं.
shardiya navratri 2023: नवरात्र के अंतिम दिन दिल्ली के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़, जाने क्या है अंतिम दिन की पूजा - दिल्ली के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़
नवरात्रि के नौवे दिन (shardiya navratri 2023) देशभर में भक्ति का माहौल देखने को मिला. मंदिरों में भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा अर्चना कर देवी की उपासना कर रहे हैं. दिल्ली के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. छतरपुर मंदिर झंडेवालान मंदिर में सुबह की आरती हुई.

Published : Oct 23, 2023, 8:36 AM IST
|Updated : Oct 23, 2023, 8:42 AM IST
मंदिरों में भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा कर माता की उपासना कर रहे हैं. वैसे तो दिल्ली के तमाम मंदिरों में नवरात्र के पर्व पर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन इसके कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां नवरात्र के दौरान अधिक भीड़ देखने को मिलती है. दिल्ली का प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर उन्हीं में से एक है. नवरात्र के नौवे दिन माता का श्रृंगार कर आरती की गई. वहीं छतरपुर मंदिर में भी माता के दर्शन करने के लिए भीड़ नजर आ रही है. छतरपुर मंदिर में सुबह 4 बजे से ही लंबी लाइन देखी जा रही है.
छतरपुर मंदिर के मुख्य पुजारी मनमोहन झा ने बताया कि, "अंतिम स्वरूप नवमी का मां सिद्धिदात्री को समर्पित है. महानवमी नवरात्रि का अंतिम दिन है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. इस दिन पूजा में मां को नौ कमल के फूल लाल कपड़े में रखकर अर्पित करना चाहिए. पूजा में चौमुखी घी का दीपक जलाना चाहिए, कन्या पूजन के बाद उन्हे उपहार देकर विदा करना चाहिए. ऐसा करने से 9 दिन की पूजा सफल मानी जाती है और परिवार को सुख, शांति और सौभाग्य आता है."