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निर्भया कांड के बाद बढ़े महिला अपराध के आंकड़े, फेल हुई दिल्ली पुलिस!

पिछले कुछ सालों में हुए महिला अपराध के कुछ आंकड़े सामने आए हैं. 2012 से तुलना की जाए तो महिलाओं से दुष्कर्म में 300 फीसदी जबकि छेड़छाड़ में 500 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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Published : Dec 12, 2019, 8:11 PM IST

Crime against women
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा

नई दिल्ली:16 दिसंबर 2012 की उस खौफनाक रात को अब सात साल होने वाले हैं, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. हम बात कर रहे हैं निर्भया कांड की. इस जघन्य अपराध के बाद जिस तरह से जनता सड़कों पर उतरी और नया कानून बनाया गया, उससे लगा था कि महिला अपराध कम हो जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पिछले कुछ सालों में बढ़े महिला अपराध के आंकड़े

2012 से तुलना की जाए तो महिलाओं से दुष्कर्म में 300 फीसदी जबकि छेड़छाड़ में 500 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी

राजधानी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस लगातार काम करती है. दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को कम करने की रहती है. लेकिन इसके बावजूद दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

अन्य अपराधों में कमी

वर्ष 2012 से तुलना की जाए तो 706 के मुकाबले लगभग 2100 दुष्कर्म के मामले बीते तीन वर्षों से दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं अभी की बात करें तो वर्ष 2018 में 15 नवंबर तक जहां दुष्कर्म के 1921 मामले दर्ज हुए थे तो वहीं इस वर्ष 15 नवंबर तक 1947 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा महिलाओं के प्रति होने वाले अन्य अपराधों में बीते वर्ष के मुकाबले कमी देखने को मिली है.

500 गुना बढ़े छेड़छाड़ के मामले

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की वारदातों में बीते वर्ष के मुकाबले कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां 15 नवंबर तक छेड़छाड़ के 2,956 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2019 में 15 नवंबर तक 2,616 मामले दर्ज किए गए हैं.

वर्ष 2012 की बात करें तो उसमें 31 दिसंबर तक 727 मामले छेड़छाड़ के दर्ज किए गए थे. जो वर्ष 2015 में 5367 तक पहुंच गए थे. दिल्ली पुलिस का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए वो लगातार काम कर रहे हैं और इसकी वजह से ही छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आई है. इसमें सुधार के लिए और प्रयास किए जा रहे हैं.

अपहरण की वारदातों में कमी

महिलाओं पर फब्तियां कसने की घटनाओं में भी इस वर्ष कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 15 नवंबर तक जहां महिलाओं पर फब्ती कसने के 544 मामले दर्ज हुए थे तो वहीं इस वर्ष 15 नवंबर तक ऐसे 427 मामले दर्ज हुए हैं. निर्भया कांड से पहले ऐसे लगभग 200 मामले प्रत्येक वर्ष दर्ज किए जाते थे.

महिला अपराध रोकना है प्राथमिकता

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास करती है. 'सशक्ति' के जरिये महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाती है. 'नाजुक' के जरिये परिजनों को जागरूक किया जाता है.

स्कूल एवं कॉलेजों के पास पुलिस गश्त करती है. टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी वजह से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में कमी आई है. दुष्कर्म के मामलों में इस वर्ष कुछ बढ़ोत्तरी हुई है, इसे लेकर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.

महिला अपराध के आंकड़े (15 नवंबर तक)

अपराध 2012 2013 2014 2016 2017 2018 2019
दुष्कर्म 706 1636 2199 2155 2146 2135 1947
छेड़छाड़ 727 3515 5367 4165 3422 3314 2616
फब्ती कसना 214 916 1361 918 640 599 427
अपहरण 162 323 423 444 322 262 170
दहेज हत्या 134 144 153 162 120 153 106

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