नई दिल्ली: दिल्ली सरकार भले ही कोरोना के दूसरी लहर को समाप्त होने की घोषणा कर चुकी हो, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. सर्दी के मौसम की आहट हो चुकी है और विशेषज्ञों ने सर्दी के मौसम में कोरोना के मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने का अनुमान लगाया है. सर्दी के मौसम में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या प्रतिदिन 15,000 के आसपास पहुंच सकती है. इस मौसम में वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से सांस लेने की समस्या बढ़ जाती है.
'दिल्ली में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर' कोरोना महामारी की स्थितियों का जायजा लेने के लिए बनाई गई कोविड एक्सपर्ट कमिटी ने आशंका जाहिर की है कि सर्दी का मौसम कोरोना संक्रमण के फैलने के लिए काफी अनुकूल है. इस मौसम में अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या काफी बढ़ सकती है. कोविड-19 एक्सपर्ट कमेटी ने इसको लेकर एक चेतावनी जारी की है. साथ ही सरकारी तंत्र को सावधान किया है. कोरोना के मरीजों की अचानक वृद्धि होने पर जरूरी सारी व्यवस्था की तैयारी करने का सुझाव दिया है.
फेस्टिव सीजन और सर्द माहौल कोरोना के बढ़ने के लिए अनुकूल
त्यौहार का मौसम होने की वजह से संभावित भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर भीड़ बढ़ने की वजह से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. सरकार को सुझाव दिया गया है कि त्यौहार के मौसम के मद्देनजर बड़ी संख्या में किसी जगह भीड़ इकट्ठा नहीं होने देने का सुझाव दिया गया है और इसे कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है. एक दिन पहले ही इस कमेटी ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी है. कमेटी ने कोरोना के मामलों में वृद्धि होने की आशंका को देखते हुए कोविड-19 मैनेजमेंट प्लान बनाने का सुझाव दिया है.
अगले तीन महीने बहुत सावधान रहने की जरूरत
एक्सपर्ट कमेटी ने कोरोना इन्फेक्शन को लेकर अगले 3 महीने को निर्णायक बताया है. इन 3 महीनों में अगर संभल गए तो इस महामारी पर विजय प्राप्त हो सकती है. अगर इस दौरान कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को नियंत्रित नहीं किया जा सका तो अब तक के किए गए सारे प्रयासों पर पानी फिर सकता है. कंटेनमेंट जोन को लेकर नई रणनीति बनाना, सिर्फ लक्षणों वाले मरीजों के ऊपर ही आरटी पीसीआर टेस्ट किये जाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के दायरे को बढ़ाने, जोखिम वाली जगहों का आकलन करने, क्रिटिकल केयर फैसिलिटी बढ़ाने के अलावा बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू करने का एक्सपर्ट कमिटी ने सुझाव दिया है.
एक्सपर्ट कमेटीकोरोना से मृत्यु दर कम करने का सुझाव दिया
एक्सपर्ट कमेटी ने दिल्ली में कोरोना इंफेक्शन से होने वाली मृत्यु दर को भी कम करने का सुझाव दिया है. मौजूदा समय में दिल्ली में कोरोना इन्फेक्शन से मृत्यु दर राष्ट्रीय मृत्यु दर 1.5 फ़ीसदी के मुकाबले 1.9 फीसदी है. मृत्यु दर को और नीचे लाने का लक्ष्य निर्धारित करने और इसे पूरा करने को कहा गया है.
बुजुर्ग और बीमार लोगों पर विशेष ध्यान दें
एक्सपर्ट कमेटी ने बच्चे, पहले से बीमार व्यक्ति और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष उपाय किए जाने का सुझाव दिया है. इसके अलावा माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन बनाने का सुझाव दिया गया है. जिन इलाकों की आबादी अधिक है जैसे जेजे क्लस्टर और झुग्गी झोपड़ी इलाके को हाई रिस्क जोन में मानते हुए वहां विशेष तैयारी करने को कहा गया है. साथ ही अस्पतालों में बेड की संख्या, आईसीयू बेड की संख्या और वेंटिलेटर बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है ताकि इमरजेंसी वाली स्थिति में प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.
सर्दी में वायरल इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व सदस्य डॉ अनिल बंसल बताते हैं कि आने वाले समय में 3 महीने अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है, क्योंकि सर्दी का मौसम वायरल इंफेक्शन के लिए काफी अनुकूल होता है. कोरोना भी एक वायरल डिजीज है. h1 n1 वायरल इंफेक्शन भी बहुत हद तक कोरोना इंफेक्शन जैसा ही होता है. इनके लक्षण एक समान होते हैं, लेकिन इन दोनों में एक फर्क यह है कि कोरोना वायरस काफी तेजी से एक दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है.
विदेशों में सर्दी के मौसम में सबको लगाया जाता है फ्लू का टीका
डॉ. बंसल बताते हैं कि वायरल फ्लू के वैक्सीन बने हुए हैं. विदेशों में जहां ज्यादातर सर्दी का मौसम होता है वहां अक्टूबर- नवंबर के महीने में आवश्यक रूप से सभी को फ्लू के शॉट लगाए जाते हैं. लेकिन अभी कोरोना का वैक्सीन बनकर तैयार नहीं हुआ है सर्दी के मौसम में दिल्ली में यह काफी तेजी से फैल सकता है.
सावधानी ही बचाव का एकमात्र उपाय
डॉ. बंसल बताते हैं कि सावधानी ही बचाव है, लेकिन जिस तरह से लॉकडाउन खुल गया है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो गए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग हो या चेहरे पर मास्क लगाने की बात हो लोगों को इसे हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. शादी विवाह का मामला हो या पॉलीटिकल गैदरिंग हो एक जगह ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं होनी चाहिए. जब तक बहुत ज्यादा जरूरी ना हो तब तक लोगों से मिलने ना जाएं. अगर सावधानी बरतेंगे तो इंफेक्शन से बच सकते हैं, क्योंकि जब तक नहीं आ जाता है तब तक सावधानी ही इसका एकमात्र बचाव का उपाय है.
सर्दी के मौसम में कोरोना केस में तीन गुना वृद्धि का अनुमान
एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर अमरिंदर सिंह बताते हैं कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, एनसीडीसी नीति आयोग के साथ मिलकर कोरोना महामारी के ऊपर सर्दी के मौसम में पड़ने वाले इंपैक्ट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 3 महीने कोरोना महामारी को लेकर दिल्ली की हालत बेहद खराब होने वाली है. अभी तक अगर देखा जाए तो हर दिन औसतन 2500- 3000 के बीच पॉजिटिव केस आ रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्दी के मौसम में दिल्ली में कोरोना की पॉजिटिव केस में 5 गुना वृद्धि यानी हर रोज 15000 नए मामले आने की आशंका व्यक्त की गई है. इसके लिए जो कारण बताए गए हैं, वह हैं फेस्टिव सीजन, दूसरा कारण सर्दी में वायरल इंफेक्शन बड़ी तेजी से फैलता है. वायरल लोड बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. केरल में होना और महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के बाद इन दोनों राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई.