नई दिल्ली/आगराः ब्लॉक बरौली अहीर की ग्राम पंचायत नौबरी में इन दिनों पीपल के पेड़ के नीचे अजब नजारा दिख रहा है. प्रधान स्नेहलता यादव की सलाह पर यहां ग्रामीण खटिया डालकर आराम कर रहे हैं. यहां एक योग गुरु भी हैं, जो सुबह-शाम लोगों को योग का अभ्यास करा रहे हैं. पीपल के पेड़ पर एक मचान भी बना है, जहां ज्यादा ऑक्सीजन की चाहत में कोई न कोई बैठा रहता है. सच यह भी है कि यहां कई लोग कोरोना से संक्रमित तो हुए मगर इसका फैलाव गांव में नहीं हुआ.
ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबरों से सहमे
गांव प्रधान के पति महिपाल यादव ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. गांवों में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. आगरा के गांव नौबरी में भी कई लोग संक्रमित हुए. इस बीच उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों से ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबर आने लगी. इस हालात में लोगों को पता चला कि पीपल के पेड़ ऑक्सीजन का बड़ा प्राकृतिक स्रोत हैं. इस पेड़ के पास योग करना या समय बिताना सेहत के लिए बेहतर है. फिर उन्होंने लोकेंद्र सिंह, धर्मपाल सिंह, भूरा यादव, विनोद पंडित, हरि बाबू, सुरेंद्र अजय, मोनू, राजू और संजू जैसे नौजवानों की टीम बनाई और लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे आने के लिए प्रेरित किया. योग गुरु राजेश धनगर ने लोगों को योगाभ्यास कराने का जिम्मा संभाला. ग्रामीण रामवीर सिंह, भूप सिंह और प्रताप सिंह बघेल ने दावा किया कि पीपल के पेड़ के नीचे बैठने के बाद उन्हें बीमारी से रिकवर होने में मदद मिली . अब हालत यह है कि कुछ लोग पीपल के पेड़ पर बने मचान में भी बैठे रहते हैं.