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मानहानि केस: अजीत डोभाल के बेटे की याचिका पर फैसला सुरक्षित

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Published : Feb 22, 2019, 3:39 PM IST

*राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे की याचिका पर कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित *अंग्रेजी मैगजीन के खिलाफ आपराधिक मानहानि का है मामला *कांग्रेस नेता जयराम रमेश और मैगजीन के खिलाफ है याचिका

अजीत डोभाल के बेटे की याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की कांग्रेस नेता जयराम रमेश और अंग्रेजी मैगजीन के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी करने या नहीं करने के मामले पर फैसला सुरक्षित कर लिया है.

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने इस मामले पर 2 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया. पिछले 11 फरवरी को दो लोगों ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए थे.

जिन लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे उनमें विवेक डोभाल के बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा और उनके दोस्त निखिल कपूर शामिल हैं.

बेबुनियाद और झूठे आरोप
अमित शर्मा ने अपने बयान में कहा था कि उनके हेज फंड के खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं. अमित शर्मा ने कहा था कि उन लोगों को यह बताना काफी मुश्किल है जो इस क्षेत्र की फंक्शनिंग को नहीं जानते हैं.

कठिन मेहनत से अर्जित की गई प्रतिष्ठा
आम लोग हमारी कठिन मेहनत से अर्जित की गई प्रतिष्ठा के बारे में भी नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा था कि विवेक डोभाल के भाई शौर्य डोभाल का हमारे बिजनेस से कोई लेना-देना नहीं है. अमित शर्मा ने कहा था कि उन्हें यह बात तब पता चली कि अजीत डोभाल विवेक डोभाल के पिता हैं जब वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बन गए.

'प्रोफेशनल करियर किया तबाह'
बिजनेस के शुरू में ही यह तय था कि विवेक डोभाल के पिता के नाम का उपयोग नहीं किया जाएगा. अमित शर्मा ने कहा था कि मैगजीन में आलेख छापकर हमारे प्रोफेशनल करियर को तबाह कर दिया गया. जब मुझे उस आलेख के बारे में पता चला तो मुझे काफी गुस्सा आया था.

चरित्र हनन के लिए छपा लेख!
दूसरे गवाह निखिल कपूर ने कहा था कि आलेख पढ़ने के बाद मुझे काफी निराशा हुई क्योंकि मुझे लगा कि इसमें सच्चाई होगी. जब विवेक से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि यह चरित्र हनन करने के लिए छापा गया था.

देश की सेवा के लिए वर्दी
निखिल कपूर ने कहा था कि विवेक और मेरे पिताजी ने देश की सेवा के लिए वर्दी पहनी. उनकी नैतिकता काफी ऊंची है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने मीडिया में कही हर बात पर भरोसा किया. इस आलेख को लेकर विवेक की सफाई भी आई लेकिन हमारे कई दोस्त मैगजीन में छपी खबर को सही मानते हैं.

भारत के ओवरसीज सिटिजन
पिछले 30 जनवरी को विवेक डोभाल ने अपने बयान में कहा था कि वे एक ब्रिटिश नागरिक होने के साथ-साथ भारत के ओवरसीज सिटिजन भी हैं. उन्होंने अपनी बीएससी और एमएससी की डिग्री लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से और सीएफए की डिग्री अमेरिका से हासिल की थी.

आलेख की सच्चाई
उन्होंने कहा था कि हमने ये याचिका आरोपियों के खिलाफ उनके मानहानि वाले आरोपों के खिलाफ दायर की है. विवेक डोभाल ने कहा था कि 17 जनवरी को उनके पिता अजीत डोभाल ने कारवां मैगजीन में छपे आलेख की सच्चाई के बारे में पूछा. इससे मैं काफी दुखी हुआ था क्योंकि मैने हमेशा प्रोफेशनल तरीके से काम किया है.

आलेख का शीर्षक डी कंपनी
विवेक डोभाल ने कहा था कि आलेख का शीर्षक डी कंपनी था और उसमें मेरे पिताजी की तस्वीर छपी थी. आलेख में मेरे परिवार और पिताजी पर सवाल उठाए गए हैं. आलेख में मेरे उपक्रम जीएनवाई एशिया फंड पर मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाया गया है.

अजीत डोभाल के बेटे की याचिका पर फैसला सुरक्षित

8300 करोड़ रुपये का काला धन
आलेख में कहा गया है कि 8300 करोड़ रुपये का काला धन भारत लाया गया. इस आलेख से मेरे करियर और मेरे बिजनेस को काफी नुकसान हुआ. मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा था कि 17 जनवरी को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर आधारहीन आरोप लगाए. मुझे एक सॉफ्ट टारगेट बनाया गया जबकि असली टारगेट मेरे पिता हैं.

22 जनवरी को याचिका पर संज्ञान
पिछले 22 जनवरी को कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लिया था. विवेक डोभाल ने अपने वकील डीपी सिंह के जरिए कोर्ट से कहा था कि कारवां मैगजीन ने अपने लेख में डी कंपनी का जिक्र किया है, जिसका मतलब दाऊद इब्राहिम गैंग होता है.

लेख छापने के पहले नहीं की पड़ताल
डीपी सिंह ने कहा था कि लेखक कौशल श्राफ ने छापने के पहले कोई पड़ताल नहीं की. इस लेख के जरिए हमारे परिवार को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर परिवार को बदनाम करने की कोशिश नहीं की गई है तो आलेख में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चित्र छापे गए हैं और डी कंपनी कहा गया है.
डीपी सिंह ने कहा था कि लेख में जयराम रमेश के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र है, जिसके बाद ट्विटर पर काफी चर्चा हुई. ये पूरे तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई.

झूठे बयान दिए और छापे
याचिका में कहा गया है कि विवेक डोभाल और अमित शर्मा कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं. याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश और कारवां मैगजीन ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए और छापे हैं. ये बयान उनके पिता अजीत डोभाल की छवि को धूमिल करने के लिए दिए गए.

मनी लांड्रिंग के आरोप
याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के जरिए उनकी और उनकी हेज फंड कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए हैं. इन बयानों से उनकी वर्षों की मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है.

बदनाम करने की कोशिश
याचिका में कहा गया है कि कारवां मैगजीन ने अपने आलेख में उनकी कंपनी को डी कंपनी कहकर संबोधित किया है और उनकी और उनकी कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की है.

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