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मानहानि मामला: कारवां मैगजीन के संपादक परेश नाथ को कोर्ट ने दी जमानत

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Published : Apr 25, 2019, 12:48 PM IST

कारवां मैगजीन के संपादक परेश नाथ और मैगजीन में आलेख के लेखक कौशल श्राफ को आपराधिक मानहानि के मामले में कोर्जट ने जमानत दे दी है.

कारवां मैगजीन के संपादक परेश नाथ को कोर्ट ने दी जमानत

नई दिल्ली:राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कारवां मैगजीन के संपादक परेश नाथ और मैगजीन में आलेख के लेखक कौशल श्राफ को आपराधिक मानहानि के मामले में जमानत दे दी है.

आज यानी गुरुवार को सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश पेश नहीं हुए. उनकी ओर से कोर्ट में पेशी के लिए आज छूट की मांग की गई.

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के कोर्ट ने उन्हें आज के लिए पेशी से छूट दे दी. कोर्ट ने जयराम रमेश को 9 मई को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया.

जयराम रमेश को 9 मई को कोर्ट में पेश होने का निर्देश
पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने जयराम रमेश, कारवां मैगजीन और उसके रिपोर्टर को समन जारी किया था. कोर्ट ने आरोपियों को 25 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

पिछले 11 फरवरी को दो लोगों ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे उनमें विवेक डोभाल के बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा और उनके दोस्त निखिल कपूर शामिल हैं.

विवेक डोभाल ने लगाया मानहानि
बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने कारवां मैगजीन के संपादक के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है.
याचिका में कहा गया है कि विवेक डोभाल और अमित शर्मा कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं. जयराम रमेश और कारवां मैगजीन ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए और छापे हैं.

कंपनी को बदनाम करने की कोशिश
ये बयान उनके पिता अजीत डोभाल की छवि को धूमिल करने के लिए दिए गए. याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के जरिए उनकी और उनकी हेज फंड कंपनी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप लगाए हैं.

इन बयानों से उनकी सालों की मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. याचिका में कहा गया है कि कारवां मैगजीन ने अपने आलेख में उनकी कंपनी को डी कंपनी कहकर संबोधित किया है. साथ ही उनकी कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की है.

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