नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर थाने से आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले में आरोपी सादिल ने अपने वकील के माध्यम से कड़कड़डूमा कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की. कोर्ट के अतरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने ये कहते हुए अर्जी खारिज दी कि पुलिस रिकॉर्ड में आरोपी का नाम गलत दर्ज होने के बावजूद सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. आवेदक/आरोपी सादिल को सीसीटीवी फुटेज में अपने अन्य सहआरोपी साथियों के साथ बंदूक लहराते व चलाते साफ-साफ देखा जा सकता है. इसलिए इस अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.
बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट के समक्ष अपनी दलील दी कि आरोपी का नाम पुलिस आरोप पत्र में नहीं है. उसके नाम के स्थान और सादिल कि जगह साहिल लिखा हुआ है और सीसीटीवी फुटेज में वो साफ नजर नहीं आ रहा है. वकील ने इस बात पर जोर दिया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी राजा व आवेदक का भाई दिखाई दे रहा है, पर आवेदक/आरोपी की पहचान नहीं हो पा रही है.
वहीं, सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि आवेदक/आरोपी पर एक अन्य एफआईआर हत्या की कोशिश से जुड़ा मामला भी चल रहा है. इसके बावजूद आर्म्स एक्ट की धारा 24 और 25 में भी आवेदक आरोपी है, जिसके लिए आवेदक को गिरफ्तार किया जाना बहुत जरूरी है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बिरजू की पुत्री ने अपनी शिकायत में बताया था कि 7/5/2023 को रात्रि 10:30 बजे उनके पड़ोसी सोनू को कई लोग मारपीट व झगड़ा कर रहे हैं और अचानक 4-5 लोग उनकी गली में आते हैं और हवा में गोली चलाकर गली में खड़े लोगों को धमकी देते हैं. शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कॉल पर पुलिस गली में आई थी और उन्होंने वहां से गोली के दो खाली खोल भी बरामद कर लिए हैं.