नई दिल्ली:आयुर्वेद के पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरो को सर्जरी की अनुमति दिए जाने को लेकर विवाद जारी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार इसको लेकर अपनी आवाज उठा रहा है. आईएमए के नए पदाधिकारियों ने भी इसको लेकर अपना रुख साफ किया है. एसोसिएशन के नए सेक्रेटरी जनरल डॉ जयेश एम लेले ने कहा है कि आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति दिया जाना आयुर्वेद और एलोपैथी को मिक्स करना है.
IMA का आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने पर कड़ा रुख बरकरार IMA ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई है याचिका
डॉ जयेश ने बताया कि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है और अब माननीय सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला लेगा, हम उसका इंतजार कर रहे हैं. हालांकि हम पहले ही इसको लेकर अपना विरोध जता चुके हैं, क्योंकि ना केवल दोनों पद्धतियों को इससे नुकसान होगा, बल्कि छात्रों और आम लोगों को भी इससे कई परेशानियां होंगी. डॉक्टर ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुका है और सरकार को भी पत्र भेजे जा चुके हैं. यदि कोई फैसला जल्द नहीं आता है तो आगे हम अपना विरोध जारी रखेंगे.
58 तरह की सर्जरी की दी गई है अनुमति
आयुष मंत्रालय की तरफ से कुल 58 तरह की सर्जरी किए जाने की अनुमति आयुर्वेद के पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को दी गई है. इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह फैसला देश में सर्जन की कमी को पूरा करना है साथ ही दूर-दराज के इलाकों में अच्छा इलाज पहुंचाना है.