नई दिल्ली: जी-20 को लेकिर दिल्ली का दिल कहे जाने वाले 'कनॉट प्लेस' में इन दिनों बिल्डिंग पर पेंट-पुताई का काम जोरों पर है. इसकी तैयारियों में केंद्र और राज्य सरकार दिल्ली को सुंदर बनाने की दिशा में जुटी हैं. इसी कड़ी में कनॉट प्लेस को चमकाया जा रहा है. इमारतों को सफेद रंग में रंगा जा रहा है. लंबे समय से नई दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन की मांग रही है कि सीपी की बिल्डिंग का फिर से रंग-रौगन किया जाए. इसकी सफेद इमारत काली और पीली पड़ गई है. जगह-जगह कूड़ा और गंदगी फैला हुआ है.
नई दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन (NDTA) के एग्जीक्यूटिव मेंबर अमित गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि कनॉट प्लेस इंडिया की सबसे बड़ी हाई स्ट्रीट मार्किट है. 2010 में आखिरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान यहां की बिल्डिंग को रंगा गया था. NDTA कई बार NDMC से मांग कर चुका है कि बिल्डिंग की देखरेख की जाए. अब G-20 की तैयारियों को देखते हुए कनॉट प्लेस में फिर से पेंट हो रहा है. उन्होंने कहा कि NDMC के साथ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटक) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मिलकर इसको पेंट कराने का निर्णय लिया है.
अमित ने बताया कि NDMC कनॉट प्लेस को बाहर से पेंट करवा रही है, लेकिन मार्किट में बनी दुकानों को अंदर से रेनोवेट करवाने की अनुमति नहीं है. कोई भी दुकानदार NDMC के E-BR विभाग की बिना अनुमति के कनॉट प्लेस की दुकानों को अंदर से रेनोवेट नहीं करा सकता है. इसमें काफी समय लगता है. NDMC से मांग है कि कनॉट प्लेस के सभी दुकानदारों को एक अनकंडीशनल अनुमति देनी चाहिए, जिससे दुकानदार भी अपनी दुकानों को अंदर से पेंट करवा सकें. ऐसा होने से कनॉट प्लेस अंदर और बाहर दोनों जगह से चमक जाएगा.
क्या है NDMC का E-BR विभाग
बता दें की NDMC का E-BR विभाग एनडीएमसी क्षेत्र में निजी संपत्तियों में अनधिकृत निर्माण को रोकने, सील करने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है. भवन योजना की स्वीकृति के बिना निर्माण या स्वीकृति/पूर्ण योजना से किसी विचलन संपत्ति का सुधार या पुनः निर्माण नहीं किया जा सकता है. अगर कोई भी दुकानदार बीना E-BR विभाग की अनुमति के यह काम करता है, तो उसको अनधिकृत निर्माण के खिलाफ NDMC अधिनियम 1994 की धारा 248, 247 एवं 250 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.