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किसानों को समर्थन देकर आम आदमी पार्टी अपना रही दोहरा चरित्र- कांग्रेस

कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब 20 दिनों से जारी है. किसानों के आंदोलन को आम आदमी ने खुले तौर पर समर्थन देने का ऐलान किया है. यहां तक की पार्टी द्वारा एक दिन कि सामूहिक भूख हड़ताल भी किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए की गई. जिसमें खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को समर्थन देते हुए इन कानूनों को किसानों और आम लोगों के विरोध बताया.

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Published : Dec 15, 2020, 4:42 PM IST

Congress spokesperson Pravesh Alam
कांग्रेस प्रवक्ता परवेज आलम

नई दिल्ली:कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी द्वारा किसानों को दिए जा रहे समर्थन को दोहरा चरित्र बताया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सलाहकार और प्रवक्ता परवेज आलम ने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी सरकार किसानों का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता प्रवेश आलम का आप पर आरोप

दूसरी तरफ दिल्ली सरकार खुद ही इन 3 कानूनों में से एक कानून को लागू किए जाने की बात भी कह रही है, उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि 23 नवंबर को दिल्ली सरकार की तरफ से खुद तीन कृषि कानूनों में से एक कानून को लागू करने के लिए राजपत्र जारी किया गया था.

'किसान आंदोलन को समर्थन आप का ढोंग'

परवेज आलम ने कहा कि जब शुरुआत में किसान अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर आए थे, उस समय आम आदमी पार्टी केवल तमाशा देख रही थी. मुख्यमंत्री ने मौन धारण किया हुआ था, लेकिन जैसे-जैसे किसान आंदोलन तेज होता गया तब आम आदमी पार्टी को लगा कि उसे इस में आकर अपनी रोटियां सेकनी चाहिए.

उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन देने का ढोंग शुरू कर दिया. लेकिन किसान देश का अन्नदाता है वह सब जानता है कि कौन उनके साथ है और कौन उनके साथ दिखावा कर रहा है.

'इमरजेंसी विधानसभा सत्र बुलाए दिल्ली सरकार'

इतना ही नहीं कांग्रेस प्रवक्ता परवेज आलम ने आम आदमी पार्टी को बीजेपी की B टीम बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर नूरा कुश्ती कर रही है. जिसका जीता जागता सबूत यह सरकारी दस्तावेज है, जिसमें आम आदमी पार्टी सरकार ने तीसरा कानून लागू किए जाने का 23 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है.

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उन्होंने कहा कि अगर वाकई आम आदमी पार्टी किसानों के हितेषी है तो दिल्ली विधानसभा में इमरजेंसी सत्र बुलाया जाए, और केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए तीनों कानूनों को रद्द किए जाने के लिए प्रस्ताव पास किया जाए.

'किसानों को राष्ट्र विरोधी बताना बेहद शर्मनाक'

परवेज आलम ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांगें माननी चाहिए और इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए, नहीं तो जो जरूरी सुधार है वह इन कानूनों में किए जाने चाहिए, क्योंकि केंद्र सरकार बिल्कुल भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और जो किसानों की जरूरी मांगे हैं उन्हें भी पूरा नहीं किया जा रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर अपना विरोध जता रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ उन्हें राष्ट्र विरोधी खालिस्तानी जैसे तमाम नाम दिए जा रहे हैं, जो बेहद ही शर्मनाक है बीजेपी को यह समझना चाहिए कि यदि कोई उनकी बात से सहमत नहीं है तो वह राष्ट्र विरोधी नहीं है.

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