नई दिल्ली:22 मार्च को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति की घोषणा की थी. इसमें तीन महत्वपूर्ण बिंदु थे. पहला ये कि अब दिल्ली में शराब खरीदने और पीने की न्यूनतम उम्र 25 साल से घटकर 21 साल हो गई है. दूसरी बात ये थी कि दिल्ली सरकार सरकारी ठेकों की नीलामी करेगी और उन्हें प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा. तीसरी बात पूरी दिल्ली में शराब दुकानों के सामान वितरण की थी.
इस घोषणा के साथ ही इसपर सियासत भी शुरू हो गई. भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के युवाओं को नशे की ओर धकेलना चाहती है. दोनों ही दलों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी किया. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने नई आबकारी नीति को भ्रष्टाचार से भी जोड़ा और केजरीवाल सरकार पर शायराना तरीके से हमला बोला. आदेश गुप्ता ने कहा कि
'डूबा दी दिल्ली तुमने दारू में पर पानी तुम न दिला पाए,
ठेके तुमने बढ़ा दिए पर स्कूल एक भी ना बना पाए,
पीने की उम्र घटा दी तुमने पर प्रदूषण तुम न घटा पाए,
नशा बांट दिया युवाओं में पर रोजगार ना दिला पाए.'
'AAP की आदेश गुप्ता को चुनौती'
आदेश गुप्ता के इस जबानी हमले के बाद आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्हें एक चुनौती दे डाली. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आदेश गुप्ता के बयान को हिपोक्रेसी करार दिया और कहा कि कई भाजपा शाषित राज्यों में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 21 साल है. सौरभ ने कहा कि मैं आदेश गुप्ता को चुनौती देता हूं कि भाजपा शाषित राज्यों में यह उम्र 25 साल करा दें, तो हम दिल्ली में इसे 30 साल करा देंगे.