नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने महिलाओं के लिए डीटीसी बसों की सुविधाएं फ्री कर दी हैं. लेकिन जिन पिंक टिकटों के आधार पर डीटीसी बसों में महिलाएं फ्री में सफर कर सकती हैं, उन्हीं बसों के कंडक्टर पिंक टिकट के लिए महिलाओं से पूछ तक नहीं रहे हैं.
DTC बसों के कंडक्टर नहीं दे रहे टिकट! नतीजतन महिलाएं बसों में फ्री सफर तो कर रही हैं लेकिन इसका हिसाब नहीं लग पा रहा कि कितनी महिलाओं ने फ्री में सफर किया है. लगातार मिल रही शिकायत के बाद डीटीसी प्रबंधन इस मामले में सख्त हो गया है.
जानकारी के मुताबिक, डीटीसी की तरफ से सभी डिपो मैनेजर्स को इस सम्बंध में आदेश दिए हैं. यहां पिंक टिकटों का ब्यौरा भी अन्य टिकटों की तरह देने की जिम्मेदारी बस कंडक्टर को दी गई है.
नोटिस लगाकर दी जा रही जानकारी
राजघाट डिपो में प्रबंधन की ओर से लगाए गए एक नोटिस में यह कहा गया है कि कंडक्टर बस में यात्रा करनी वह वाली महिलाओं को मुफ्त में दिया जाने वाला पिन टिकट जारी नहीं करते हैं और ना ही उन्हें पिंक टिकट के लिए पूछते हैं.
इस नोटिस में कहा गया है कि अगर चेकिंग के दौरान कोई महिला बिना टिकट पाई जाती है तो इसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी बस कंडक्टर की ही होगी. इससे अलग बस कंडक्टर फ्री में दिए जाने वाले इस टिकट का भी पूरी तरह हिसाब रखेंगे और ड्यूटी के समय हर ट्रिप में अन्य टिकटों की तरह इन टिकटों की क्लोजिंग को भी वेविल करेंगे.
रूल ना मानने पर होगी कार्रवाई
वहीं डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने इस फैसले का विरोध जताया है. कर्मचारियों का आरोप है कि पिंक टिकट के नाम पर सिर्फ प्रचार किया जा रहा है. यहां तक कि कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह टिकट दें. बता दें कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं को दिए जाने वाले इन पिंक टिकट्स के लिए 10 रुपये के हिसाब से डीटीसी को दिया जाना तय किया है.
अभी के समय में फ्लाइंग स्क्वाड के सामने भी चेकिंग के दौरान ये समस्या आई है कि जिन महिलाओं के पास पिंक टिकट नहीं है, उनका चालान करें या नहीं. हालांकि अब कंडक्टरों को इसकी जिम्मेदारी सौंप, इसका पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है.