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मुजफ्फरपुर कोर्ट में डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ परिवाद दायर

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Published : Mar 18, 2020, 5:40 PM IST

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई गाइडलाइन जारी की गई है. मास्क और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग भी इन्हीं दिशा-निर्देशों में है. इसके बाद से मार्केट में दोनों ही चीजों की कमी पड़ने लगी. आरोप लगाते हुए परिवादी ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कालाबाजारी न रोक पाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को दोषी बताया है.

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केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन

नई दिल्ली/मुजफ्फरपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है. केंद्रीय मंत्री के खिलाफ यह परिवाद सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दर्ज कराया है. परिवाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर बाजार से मास्क और हैंड सौनिटाइजर गायब होने और उसकी कालाबाजारी को रोकने में स्वास्थ्य विभाग की विफलता का आरोप लगाया गया है.

परिवादी तमन्ना हाशमी ने बतायी वजह

कोरोना वायरस के खौफ के बीच लड़ने में आम कारगर भूमिका निभाने वाले हैंड सैनिटाइजर और मास्क के गायब होने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने आईपीसी की धारा 406, 506, 420 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया. सामाजिक कार्यकर्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भी मंत्री होकर इन जरूरी सामानों के कालाबाजारी को रोकने में वे पूरी तरह विफल रहे हैं. ऐसे में उनकी विफलता के कारण आम जनता को नाहक परेशानी उठानी पड़ रही है.

दायर किया गया परिवाद

30 मार्च को होगी सुनवाई
मामले की सुनवाई के लिए मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय ने 30 मार्च की तिथि निर्धारित की है. गौरतलब है कि अभी तक देशभर में कोरोना के 147 से अधिक मरीज संक्रमित पाए गए हैं. इनमें तीन की मौत भी हो चुकी है. वहीं कुछ लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

ऐसे में इस बीमारी पर रोक लगाने में हैंड सैनिटाइजर और मास्क की बड़ी अहम भूमिका है. लेकिन मुसीबत के समय में यह दोनों जरूरी वस्तुएं बाजार से गायब हो गई हैं.

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