नई दिल्ली:विदेश से सोशल मीडिया द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली पॉप स्टार रेहाना फैटी के खिलाफ नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) में शिकायत की गई है. जिसमें आरोप लगाया गया है कि रेहाना फेंटी ब्यूटी कंपनी में जो कॉस्मेटिक के प्रोडक्ट बनाती हैं. उस प्रोडक्ट में झारखंड के माइक्रा का उपयोग किया जाता है. उस माइक्रा को निकालने के लिए चाइल्ड लेबर का इस्तेमाल किया जाता है.
झारखंड के कई जिले में माइक्रा के माइंस है, जिसे दुनिया में सबसे अच्छी क्वालिटी का माइक्रा निकलता है. विश्व में यहां से माइक्रा सप्लाई होता है. इन खानों से माईक्रा निकालनें के लिए कई कंपनियां काम करती हैं. लेकिन इसके अलावा वहां पर अवैध तरीके से बच्चों द्वारा माइंस में माइक्रा को निकलवाने का काम किया जाता है. माइंस में छोटे-छोटे सुरंग होते हैं जिसके अंदर छोटे बच्चे आसानी से घुस जाते हैं और वहीं से माइक्रा निकालते हैं.
रेहाना फैटी ब्यूटी ब्रांड ने नहीं लिया क्लियरेंस
शिकायतकर्ता के मुताबिक रेहाना फैटी ब्यूटी ब्रांड में उन्हीं माइक्रा का इस्तेमाल किया जाता है. NCPCR के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो को शिकायत के बाद तथ्यों को लेकर जांच की. उस दौरान यह पता लगा कैलिफोर्निया में यह कानून है कि जिस प्रोडक्ट को बनाने में चाइल्ड लेबर का इस्तेमाल किया जाता है.
उसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. साथ ही एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्था है RIM (Responsible Mica Initiative) जिसमें किसी भी इंडस्ट्री को सप्लाई चैन क्लियरेंस सर्टिफिकेट (SCCC) देनी पड़ती है. जिसमें वह इस बात के लिए सुनिश्चित करते हैं कि उनके प्रोडक्ट में किसी भी तरह के चाइल्ड लेबर का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
जबकि NCPCR की शुरुआती जांच के मुताबिक रेहाना फैटी ब्यूटी ब्रांड में इस तरह का क्लियरेंस नहीं दिया हुआ है.