नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता ने खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर किया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने इस याचिका पर 18 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया. इस मामले में ताहिर हुसैन को आरोपी बनाया गया है.
मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर याचिका वापस लिया
आज सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया कि उन्हें जांच एजेंसी की जांच से कोई परेशानी नहीं है. समस्या मीडिया ट्रायल को लेकर है. ताहिर हुसैन के वकील ने कोर्ट में न्यूज़ की एक क्लिपिंग दिखाई और कहा कि इसमें डिस्क्लेमर के रूप में केवल ये बताया गया है कि ये रिपोर्ट पूरक चार्जशीट पर आधारित है. तब कोर्ट ने कहा कि उसने UAPA से संबंधित मामले में मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर विस्तृत आदेश जारी किया है. तब ताहिर हुसैन के वकील ने कहा कि अब हमारी याचिका का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कोर्ट से याचिका वापस लेने की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.
'मीडिया में चलाई जा रहीं अपमानजनक खबरें'
पिछले 28 जनवरी सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है जैसे ताहिर हुसैन दोषी हों. उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है, दोषी नहीं. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं, वे महज आरोप हैं, प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.
एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ED ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक, ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.
पैसों से दंगों के लिए हथियार खरीदे गए
ED के मुताबिक, दंगों की तैयारी जनवरी में की गई थी और इस रकम को दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार और चाकू जैसे हथियार खरीदने में लगाया गया. चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले में ताहिर हुसैन का साथ अमित गुप्ता नामक व्यक्ति ने दिया, जिसके नाम पर फर्जी कंपनी खोली गई और पैसे ट्रांसफर किए गए. चार्जशीट में कहा गया है कि ताहिर हुसैन की इस साजिश के कारण ही फरवरी में भड़के दंगों में 53 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए.
29 अगस्त को किया गया था गिरफ्तार
17 अगस्त 2020 को कोर्ट ने ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने कहा था कि इस मामले पर इस मामले में जांच अभी जारी है और पूरक चार्जशीट बाद में दाखिल किया जाएगा. ईडी ने ताहिर हुसैन के खिलाफ 11 मार्च 2020 को मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था. इस मामले में ईडी ने ताहिर हुसैन को 29 अगस्त 2020 को गिरफ्तार किया था. बता दें कि 21 अगस्त 2020 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के दौरान IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.