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देश की 8वीं राष्ट्रीय पार्टी बनी AAP, केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं और देशवासियों को दी बधाई

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही गुरुवार को आम आदमी पार्टी देश की आठवीं राष्ट्रीय पार्टी बन गई (AAP became 8th national party of country). हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस उपलब्धि के लिए देशवासियों और अपने कार्यकर्ताओं को बधाई दी है.

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Published : Dec 8, 2022, 6:18 PM IST

नई दिल्लीः गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही गुरुवार को आम आदमी पार्टी के रूप में देश को एक नया राष्ट्रीय राजनीतिक दल मिल गया. आज आठवें राष्ट्रीय दल के रूप में आम आदमी पार्टी निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी होने की पात्रता पूरा करने में सक्षम हो गई (AAP became 8th national party of country) है. राष्ट्रीय पार्टी की पात्रता पूरी होने पर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी कार्यकर्ताओं और सभी देशवासियों को बधाई दी है.

दिल्ली, पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो विधायक जीतने के बाद अब गुजरात में 5 सीटें मिलने से राष्ट्रीय पार्टी बनने का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद आम आदमी पार्टी को दिल्ली में बड़ा ऑफिस और पूरे देश में एक चुनाव चिह्न के साथ-साथ अन्य बहुत सी सुविधाएं भी मिलेंगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दी देशवासियों को बधाई

दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अगस्त 2012 में हुए अन्ना आंदोलन ने निकल कर अरविंद केजरीवाल ने 2013 में आम आदमी पार्टी के नाम से राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. पार्टी ने दिल्ली में दिसंबर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश में मान्यता प्राप्त की थी. दिल्ली के साथ पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की मौजूदा समय में सरकार है. इसके अलावा गोवा विधानसभा में दो विधायक और 6.8 फीसदी मत हासिल किया था. इस आधार पर दिल्ली, पंजाब, गोवा में आम आदमी पार्टी एक पंजीकृत मान्यता प्राप्त पार्टी है, जिसके पास चुनाव चिन्ह के रूप में झाड़ू है.

देश की 8वीं राष्ट्रीय पार्टी बनी AAP

राष्ट्रीय पार्टी बनने के फायदेःकिसी भी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिलने के कई फायदे होते हैं. सबसे पहला फायदा तो स्तर को लेकर ही है. राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है. निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएं भी देता है जैसे, पार्टी को एक स्थाई चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है.

निर्वाचन सूची मुफ्त और अनिवार्य तौर पर प्राप्त करने की सुविधा दी जाती है. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए समय दिए जाने की अनुमति दी जाती है. ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें. अब तक देश में सात राष्ट्रीय पार्टी हैं. कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी).

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राष्ट्रीय पार्टी बनने का मानकःचुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के अनुसार, अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं, लेकिन इनमें से महज 7 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था. बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी होने की तीन मुख्य शर्तों या पात्रता में से एक शर्त ये है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे. या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के बाद गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं. हालांकि एमसीडी में जीत के आंकड़े हौसला बढ़ाने के लिए तो सही हैं लेकिन उसका राष्ट्रीय पार्टी बनाने की प्रक्रिया में कोई योगदान नहीं है.

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