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CM की 'समझौता रणनीति' कामयाब? केन्द्र के सहयोग से कच्ची कॉलोनियों में मिलेगा मालिकाना हक

दिल्ली में एक बड़ी आबादी अनाधिकृत कॉलोनियों में रहती है, ऐसे में सरकार का ऐलान लाखों परिवारों को राहत देने वाला है.

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Published : Jul 18, 2019, 3:06 PM IST

पीएम-केजरीवाल में दोस्ती !

नई दिल्ली:राजधानी में अनाधिकृत (कच्ची) कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का एक बड़ा सपना जल्द साकार होने वाला है. यहां की संपत्तियों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ होने वाला है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग अपने घरों की रजिस्ट्री भी करा सकेंगे. जबकि अभी तक अनाधिकृत कॉलोनियों में घरों की खरीद-फरोख्त पर रजिस्ट्री की सुविधा नहीं थी.

कच्ची कॉलोनियों में मिलेगा मालिकाना हक

दिल्ली में एक बड़ी आबादी अनाधिकृत कॉलोनियों में रहती है, ऐसे में सरकार का ऐलान लाखों परिवारों को राहत देने वाला है. केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में पहल शुरू की है, तो दिल्ली सरकार जल्द ही अनाधिकृत कॉलोनी की संपत्तियों का मालिकाना हक देने की तैयारी में है.

अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए GOOD NEWS
दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में रजिस्ट्री रुकी हुई थी. अब वह शुरू हो जाएगी.

'केंद्र ने दिल्ली सरकार से मांगे कुछ सवालों के जवाब'
हर बार चुनाव के दौरान केंद्र और राज्य सरकार अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वालों को बड़े-बड़े सपने दिखाती थी. इन कॉलोनियों को नियमित होने की बात किया करते थे. मगर जिस तरह से दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना है, इस संबंध में बुधवार शाम केंद्र सरकार की ओर से एक सकारात्मक रिस्पॉन्स आया है. दिल्ली सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम केजरीवाल

'जल्द होगी अनाधिकृत मकानों की रजिस्ट्री'
CM ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह ही तमाम विभागों के अधिकारियों को उचित जवाब तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने के आदेश दे दिए गए हैं. उम्मीद करता हूं इसके बाद कुछ दिनों में अनाधिकृत कॉलोनियों के मकानों की रजिस्ट्री होने लगेगी.

'अरसे पुराना सपना होगा साकार'
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार हमेशा से अनाधिकृत कॉलोनी वालों के हक की लड़ाई लड़ती रही है. फरवरी 2015 में जब दिल्ली में सरकार बनी थी, उसके बाद 2 नवंबर 2015 को कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. इतने समय बाद ही सही अब जो केंद्र सरकार का रिस्पांस मिला है इससे अनाधिकृत कॉलोनी में रहनेवाले लोगों का अरसे पुराना सपना सरकार होने जा रहा है.

दिल्ली में कच्ची कॉलोनियां

कॉलोनियों की थी बुरी हालात
इन कॉलोनियों में काफी बुरे हालात थे. पानी, सीवर, नाली, सड़क इनकी व्यवस्था नहीं थी. दिल्ली सरकार ने अब तक 3000 करोड़ खर्च कर पानी की पाइप लाइन डाली है. अन्य मदों को मिलाकर तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य करने में दिल्ली सरकार ने खर्च किए हैं.


'केन्द्र के सहयोग से ही दिल्ली में हो सकेगा विकास'
सीएम केजरीवाल ने ये भी कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने को लेकर 4 साल से कोशिश करते रहे हैं. केंद्र भी कोशिश करती रही है. अब देर से ही सही केंद्र सरकार के रुख से यह सपना साकार हो जाएगा.

केंद्र सरकार के प्रति बदले रवैया के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली को लेकर काम करते रहेंगे. दिल्ली का विकास तभी हो सकता है जब केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर काम करें. ये अच्छी बात है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दे रही है. इसमें भलाई दिल्लीवालों की ही है.

दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान
बता दें कि दिल्ली में कुल 1797 अनधिकृत कॉलोनी है जिनमें से 300 कॉलोनी निजी जमीन पर काटी गई है. इन सभी अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या 50 लाख से अधिक है.

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