नई दिल्ली:दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में 850 करोड़ रुपये के भूमि अधिग्रहण घोटाले का मामला सीबीआई और ED को भेजा है. CM ने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत 22 गुना बढ़ाने का आरोप लगाया है. एक ही कंपनी द्वारा 2015 में सर्कल रेट के 7% पर भूमि अधिग्रहण का संबंधित मामला मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी को भेजा गया. सीएम अरविंद केजरीवाल की हरी झंडी के बाद मामला सीबीआई और ईडी को भेजा गया.
दिल्ली जमीन घोटाला मामले को केजरीवाल सरकार ने CBI और ED को भेजा, जानें पूरा मामला - Land Acquisition Scam In Dwarka Expressway Project
दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में जमिन अधिग्रहण घोटाले का मामला CBI और ED दोनों को भेजा है. इससे पहले CM केजरीवाल ने बुधवार को बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेजी थी. Rs 850 crore scam, Land Acquisition Scam In Dwarka Expressway Project
Published : Nov 16, 2023, 12:20 PM IST
|Updated : Nov 16, 2023, 2:28 PM IST
बता दें कि, नरेश कुमार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के मामले की जांच विजिलेंस मंत्री आतिशी ने 11 नवंबर को शुरू कराई थी. आतिशी ने दिल्ली के विजिलेंस विभाग के निदेशक और डिविजनल कमिश्नर को पत्र लिखकर उनसे सभी फाइलें मांगी थी. हालांकि, इस मामले में मुख्य सचिव ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी. और सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था. सोमवार को राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अश्वनी कुमार ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था.
वहीं, इस मामले में विजिलेंस मंत्री आतीशी ने कहा था कि, "दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार किसी भी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है. इसलिए जैसे ही यह मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने आया तो उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है. जिसके आधार पर जरूर एक्शन होगा सख्त से सख्त एक्शन होगा."
ये है पूरा मामला
दरअसल, कथित मामले में कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास बामनौली गांव में वर्ष 2015 में यह जमीन मात्र 75 लख रुपए में खरीदी थी इसके बाद महंगे रेट पर भूमि का अधिग्रहण हुआ, जिससे कहा जा रहा है कि कंपनी को 850 करोड़ रुपये का नाजायज फायदा हुआ. साथ ही यह भी कहा गया कि मुख्य सचिव ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए. इन कंपनियों की भी जांच की सिफारिश की बात की जा रही है.