दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

AIIMS प्रशासन के लिए सिरदर्द बना CT Scan फिल्म्स का कबाड़, 2 अगस्त से नहीं होगी प्रिंट

देश के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS का स्टोर रूम CT Scan और X-Ray फिल्म्स से भर गया है. अब यह अस्पताल प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है. इससे छुटकारा पाने के लिए Medical Superintendent डॉ. डीके शर्मा ने एक सर्कुलर जारी कर 2 अगस्त 2021 के बाद फिल्म्स प्रिंटिंग पर रोक लगा दी है.

City Scan film junk in AIIMS Hospital Delhi
एम्स का सीटी रूम

By

Published : Jul 24, 2021, 9:14 PM IST

नई दिल्ली :एम्स के सीटी रूम में इतनी अधिक मात्रा में फिल्म्स जमा हो गई हैं कि अब उसे संभालकर रखना मुश्किल है. ये वो फिल्म्स हैं, जो यहां जांच कराने आते हैं, लेकिन फिल्म्स ले जाना भूल जाते हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा ने डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के आदेश से एक सर्कुलर जारी कर 2 अगस्त 2021 के बाद सीटी स्कैन या एक्सरे की फिल्म्स नहीं लेने का निर्देश जारी किया है.

सर्कुलर में कहा गया है कि सिटी रूम नंबर 8 में बड़ी मात्रा में फिल्म्स जमा हो गई हैं, जिसे कभी कलेक्ट नहीं किया गया. संसाधनों का यह बड़ा दुरुपयोग हो रहा है. फिल्म्स पर होने वाले खर्चे और फिल्म्स लेने वाले मानव संसाधन बर्बाद हो रहे हैं. अब इन फिल्म्स को संरक्षित रखने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है.

एम्स प्रशासन के लिए सिरदर्द बना CT Scan फिल्म्स का कबाड़,

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में कम हुआ रक्तदान, AIIMS में ब्लड डोनेशन में 50 प्रतिशत की गिरावट


आगे से इमेजेज डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रहेंगे. इसलिए 2 अगस्त के बाद इमरजेंसी और वार्ड पेशेंट के लिए सीटी स्कैन और एक्सरे फिल्म्स की प्रिंटिंग नहीं की जाएगी. सिर्फ उन्हीं मरीजों के फिल्म्स की प्रिंटिंग की जाएगी, जिनके लिए डॉक्टर्स ने परामर्श दिया है. इसके लिए पेशेंट या अटेंडेंट को डॉक्टर्स के हस्ताक्षर किये हुए स्लिप के साथ रूम नंबर 8 में आना होगा.

एम्स में 2 अगस्त के बाद फिल्म्स प्रिंटिंग पर रोक लगी

ये भी पढ़ें-AIIMS डायरेक्टर का दावा- अभी चार साल तक देश से नहीं जाएगा कोरोना

कार्डियो-रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरिंदर सिंह ने अस्पताल प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सीटी स्कैन की फिल्म्स कबाड़ की तरह स्टोर में पड़ी है. इसका कोई इस्तेमाल नहीं है. मरीज भी इन्हें कलेक्ट नहीं करते हैं. इससे अब पैसे और मानव संसाधन की भी बचत होगी.

ये भी पढ़ें- किन बच्चों पर होगा वैक्सीन ट्रायल- क्या होगी प्रक्रिया, जानिए सबकुछ

ABOUT THE AUTHOR

...view details