नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देश भर में आज दीपों का पर्व दीपावली बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. दीपावली के साथ ही आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिवस भी है, जिसे बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है. पंडित नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे और उनका सपना था कि चूंकि बच्चे देश का भविष्य हैं, ऐसे में उनका बचपन, सपनों से भरा होना चाहिए. हालांकि चाचा नेहरू के बच्चों के बचपन की परिकल्पना, दिल्ली के मशहूर कनॉट प्लेस में बिल्कुल उलट ही दिखी.
शनिवार को बाल दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने सेंट्रल दिल्ली के मशहूर कनॉट प्लेस इलाके में देखा कि बच्चे सपने नहीं, बल्कि दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं. यहां पर कोई आने जाने वालों से पैसे मांग रहा है तो कोई गुलाब के फूल और दीये बेचकर अपना इंतजाम कर रहा है. सभी की कहानी लगभग एक जैसी ही है.
फूल नहीं बेचेंगे तो नहीं होगा गुजारा
रोहन (बदला हुआ नाम) नोएडा में चौथी कक्षा में पढ़ते हैं. हफ्ते में 3 दिन स्कूल जाते हैं और 3 दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस में आकर फूल बेचते हैं. वह कहते हैं कि अगर फूल न बेचें तो उनका गुजारा नहीं हो पाता. दीपावली के लिए अब 3 दिन की छुट्टी लगातार है तो वह तीनों दिन फूल ही बेचेंगे. वो इससे खुश तो हैं, लेकिन फिर कहते हैं कि भरपेट खाना नहीं खा पाते.