नई दिल्ली:लॉकडाउन के चलते पिछले करीब 2 सालों से बच्चे ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चों तक की कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से हो रही हैं, जिसके लिए मोबाइल फोन (mobile phone), लैपटॉप ( laptop), टैबलेट (tablet) के इस्तेमाल में बच्चे ज्यादा समय बिता रहे हैं. इसको लेकर जहां अभिभावक चिंतित भी हैं. वहीं इन चीजों के अधिक से अधिक इस्तेमाल के चलते बच्चे डिजिटल फ्रेंडली भी हो गए हैं. 3 साल की उम्र से लेकर 12 साल तक के बच्चे ऑनलाइन नए-नए एप्लीकेशन (new applications) और सॉफ्टवेयर (Software) का इस्तेमाल करना सीख गए हैं.
PDF से भेज रहे होमवर्क
3 साल की वीरा की मां सुष्मिता ने ईटीवी भारत (ETV BHARAT) को बताया बेटी का अभी एडमिशन कराया है. उसकी ऑनलाइन क्लासेस (online classes) होती हैं. जिसमें वह उसके साथ बैठकर उसे पढ़ाती हैं, लेकिन कुछ ही समय में वह फोन को बहुत अच्छे से इस्तेमाल करना सीख गई है, फोन को खुद ऑन करना, ऑनलाइन गेम खेलना, यूट्यूब पर कार्टून आदि वीडियो देखना, अलग-अलग एप्लीकेशन डाउनलोड करना.
वहीं 11 साल के प्रथम जो कि सातवीं क्लास में पढ़ रहे हैं और ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले फोन, लैपटॉप (laptop) या टैबलेट (tablet) का इस्तेमाल करना नहीं आता था, लेकिन लगातार ऑनलाइन क्लास (online classes) लेने के चलते सब एप्लीकेशन और गैजेट्स का इस्तेमाल करना बहुत अच्छे से आ गया है. क्लास क्योंकि ऑनलाइन (online classes) ही होती है, होमवर्क (home work) करना होता है, पीडीएफ (PDF) बनाकर टीचर्स को सेंड करना होता है.
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कई बार दूसरे सॉफ्टवेयर पर क्लास के लिए कनेक्ट होना होता है. साथ ही उन्होंने बताया कि किसी भी टॉपिक से जुड़ी जानकारी भी हम खुद ऑनलाइन (online) ही ढूंढ लेते हैं. यह चीजें आसान हो गई हैं. ऑनलाइन क्लासेस से जहां नॉलेज बढ़ रही है वहीं जनरल नॉलेज भी मजबूत हो रही है.
एप्लीकेशन ऑफ सॉफ्टवेयर के हुए उस्ताद
इसके साथ ही 9 साल के गगन जो पांचवीं क्लास में पढ़ रहे हैं, लगातार ऑनलाइन क्लास (online classes) के चलते वाट्सऐप (Whatsapp) का बेहद अच्छे से इस्तेमाल करना सीख गए हैं. अपने दोस्तों को मैसेज सेंड करना वीडियो कॉल (video call) पर कनेक्ट होना और होमवर्क (home work) सेंड करना भी अब उन्हें आ गया है.