नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने एक बार फिर राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि वह आज मॉर्निंग वॉक पर नहीं जा सके, उनको आंखों में जलन महसूस हो रही थी. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब कार से आ रहे थे तो कुछ दूरी के बाद मुझे साफ दिखाई नहीं दे रहा था.
आपको बता दें कि दिल्ली में सोमवार को लगातार पांचवें दिन एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा यह जानकारी दी गई. राजधानी में आज एक्यूआई 436 रहा, जो काफी हानिकारक है. वहीं प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है, जिसमें प्रदूषण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं.
गौरलब है कि, इससे पहले तीन नवंबर को भी राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की कटाई की अनुमति देने वाले और रूढ़िवादी आदेश पारित करने के लिए हाईकोर्ट ने दिल्ली के वन विभाग की खिंचाई की थी. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी कर कहा था कि यह विभाग और उसके अधिकारियों का आकस्मिक दृष्टिकोण है. इसके कारण शहर में विषाक्त स्तर या वायु प्रदूषण बढ़ गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? दिल्लीवासी प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं. ऐसी मशीनें हैं जो हवा की गुणवत्ता रिकॉर्ड करती हैं. मशीनें अधिकतम 999 एक्यूआई तक रिकॉर्ड कर सकती हैं और हम इस मानक को छू रहे हैं. यह अधिकारियों के बीच संवेदनशीलता की कमी है.