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छठ पूजा : आज व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पण करेंगी अर्घ्य, जानें अर्घ्य देने का समय

लोक आस्था के संगम का महापर्व छठ दिल्ली एनसीआर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज छठ व्रती व अन्य डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे. अर्घ्य अर्पित करने से पहले व्रती जल में खड़े होकर सूर्यदेव से परिवार व समाज की सुख-शांति के लिए मंगल कामना करते हैं. व्रती घाट पहुंचने से पहले घर में साफ-सफाई से शुद्ध देसी घी में ठेकुआ बनाते हैं.

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अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

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Published : Oct 30, 2022, 5:31 AM IST

नई दिल्ली : प्रकृति और आस्था के संगम का महापर्व छठ दिल्ली एनसीआर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के मुताबिक खरना पूजा के दूसरे दिन यानि आज 30 अक्टूबर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को दिल्ली के अलग-अलग ईलाके में बनाये गए घाटों पर पहला अर्घ्य देंगे. आज व्रती व अन्य डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे. आज छठ घाट पहुंचने से पूर्व घर में सभी सदस्य मिलजुल कर साफ-सफाई से शुद्ध देसी घी में ठेकुआ बनाते हैं. इसी ठेकुआ, चावल के आटा और घी से बने लड्डू, पांच प्रकार के फल व दीए के साथ पूजा का सूप सजाया जाता है. फिर दौरा माथे पर रखकर श्रद्धा भाव के साथ घाट पहुंचेंगे. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को शाम में व्रती अस्ताचलगामी सूर्यदेव को प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे. अर्घ्य अर्पित करने से पहले व्रती जल में खड़े होकर सूर्यदेव से परिवार व समाज की सुख-शांति के लिए मंगल कामना करते हैं.


इस साल छठ महापर्व में सूर्यदेव को पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर, रविवार को शाम में दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन 06:31 सुबह व सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन 05:38 शाम तक है.

31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय

छठ पूजा के अंतिम दिन 31 अक्टूबर यानि सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. पंचांग के अनुसार इस वर्ष 31 अक्टूबर को सुबह 06.32 बजे सूर्योदय हो रहा है. सभी छठ घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से सुख समृद्धि और आरोग्यता की कामना की जाएगी. सोमवार को सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का यह महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा.

छठ पूजा का धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व

ज्योतिषचार्य पंडित जय प्रकाश शास्त्री के अनुसार छठ पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का पर्व है. यही एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिसमें सूर्य देव का पूजन कर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। हिन्दू धर्म में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है. वे ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा जाता है. वेदों में सूर्य देव को जगत की आत्मा कहा जाता है. सूर्य के प्रकाश में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है. सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, पिता, पूर्वज, मान-सम्मान और उच्च सरकारी सेवा का कारक कहा गया है. छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी माता के पूजन से व्यक्ति को संतान, सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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