नई दिल्ली/गाजियाबाद: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है. मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं. इसीलिए उनको अष्टभुजा देवी भी कहते हैं. मां कूष्मांडा के सात हाथों में धनुष, बाण, कमंडल, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा है. जबकि, आठवें हाथ में मां कूष्मांडा माला धारण किए हुए हैं. मां कूष्मांडा का वाहन सिंह है. मां की आराधना करने से यश, बल और धन में वृद्धि होती है साथ ही रोग- शोक नष्ट होते हैं.
Chaitra Navratri 2023: चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और आरती की संपूर्ण जानकारी - Chant Beej Mantra of Maa Kushmanda 108 times
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें. पूजा के स्थान को साफ करें और गंगाजल डालकर शुद्ध करें. चौकी पर मां कूष्मांडा की प्रतिमा स्थापित करें. पूजा के स्थान को सजाएं. फिर मां कूष्मांडा के व्रत का संकल्प लें और ध्यान करें. मां कूष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए पूजा में हरे रंग के कपड़े पहनें. हरे रंग के कपड़े पहनकर मां कूष्मांडा की पूजा करना काफी शुभ माना गया है.
० मां कूष्मांडा की आरती
कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)