नई दिल्ली:दिल्ली मंडल में इस साल सितंबर तक बीते वर्ष की तुलना में चेन पुलिंग के 31 प्रतिशत मामले बढ़े हैं. चेन पुलिंग करने से न केवल ट्रेन को रोका जाता है, बल्कि उसे गंतव्य तक पहुंचने में भी देरी हाेती है. इससे उस रूट पर पीछे वाली ट्रेनों का भी परिचालन प्रभावित होता है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कई बार ट्रेनों का संचालन कोलकाता तक प्रभावित हो जाता है. पहले के मुकाबले ट्रेनों की रफ्तार थोड़ी बढ़ी है, लेकिन चेन पुलिंग की घटनाओं से ट्रेनें लेट हो रही है. इससे यात्रियाें को ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में आखिर ट्रेन की चेन खींच सकते हैं?
इन स्थानों पर ट्रेनों में हो रही ज्यादा चेन पुलिंग:आरपीएफ के दिल्ली डिवीजन के सिक्योरिटी कमिश्नर एस सुधाकर ने बताया कि ट्रेन की चेन पुलिंग होने पर ट्रेन में तैनात आरपीएफ मौके पर पहुंचते हैं. इस वर्ष 2023 में चेन पुलिंग के 4567 मामले सामने आए हैं. इसमें से 3378 लोगों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही आरोपियों से 14 लाख 73 हजार 100 रुपए का जुर्माना भी जमा कराया गया. कार्रवाई के दौरान यह भी देखा गया कि किन स्थानों पर चेन पुलिंग के मामले ज्यादा आए. अब वहां पर आरपीएफ ज्यादा नजर होती है. दिल्ली डिवीजन में दिल्ली, सोनीपत, पलवल, फरीदाबाद और गाजियाबाद समेत अन्य इलाके हैं.
जुमार्ना या जेल का है प्रावधान:आरपीएफ की सीनियर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर प्रियंका शर्मा का कहना है कि ट्रेनों में अनधिकृत रूप से चेन पुलिंग करना दंडनीय अपराध है. आरपीएफ ट्रेनों में चेन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध रेलवे एक्ट की धारा 141 में कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज करती है. चेन पुलिंग के अपराध में 500 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक का जुर्माना है. जो रेलवे कोर्ट में देना हाेता है. चेन पुलिंग रोकने के लिए आरपीएफ ने सादे कपड़ों में जवानों को रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में तैनात किया है.