नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो चल और अचल संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक करने की मांग करनेवाली याचिका पर तीन महीने के अंदर विचार करें. जस्टिस राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस याचिका को प्रतिवेदन की तरह विचार करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से कहा कि कोर्ट इस मसले पर फैसला नहीं कर सकती है. हम नीति नहीं बना सकते हैं. इस पर सरकार को फैसला करने दीजिए. बता दें कि 15 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और यूआईडीएआई से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. 16 जुलाई 2020 को कोर्ट ने यूआईडीएआई को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए उसे भी नोटिस जारी किया था.
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याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि आधार को चल और अचल संपत्ति से लिंक करने पर बेनामी लेनदेन के जरिये किए जा रहे भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी. याचिका में कहा गया था कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो गलत तरीके से हासिल की गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए. कानून के शासन को ठेंगा दिखानेवालों को सबक सिखाने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है.
याचिका में कहा गया था कि आधार से चल और अचल संपत्ति के दस्तावेजों को लिंक करने से कर वसूलने वालों को संपत्ति के वैध मालिकों का पता लगाने में आसानी होगी. इससे चुनाव प्रक्रिया भी साफ-सुथरी हो जाएगी. चुनाव में काले धन का इस्तेमाल और गलत तरीके से राजनीतिक ताकत प्राप्त करने पर रोक लगेगी.
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