नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय स्थित उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दफ्तर पर शनिवार को पहुंची सीबीआई टीम अपने साथ एक कंप्यूटर ले गई. सूत्रों के मुताबिक, यह कंप्यूटर उनकी जांच में मदद करेगा. इस छापे पर सीबीआई अधिकारियों ने कहा है कि टीम, उपमुख्यमंत्री के कार्यालय से कुछ दस्तावेज लेने के लिए पहुंची थी, इसे कोई छापा या तलाशी नहीं कहा जा सकता.
दरअसल शनिवार को सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय पर छापा मारा था. सिसोदिया का दफ्तर सचिवालय की छठी मंजिल पर है. इससे पहले अगस्त महीने में भी दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में घोटाले की खिलाफ दर्ज मामले में सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री के आवास पर छापा मारा था. मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'आज फिर CBI मेरे दफ्तर पहुंची है. उनका स्वागत है. इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ्तर में छापा मारा, लॉकर तलाशे, मेरे गांव तक में छानबीन करा ली. मेरे खिलाफ न कुछ मिला है और न मिलेगा, क्योंकि मैंने कुछ गलत किया ही नहीं है. ईमानदारी से दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है.'
19 अगस्त को उनके आवास पर पड़ी थी रेडःदिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी. इसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी जैसे लोगों के नाम शामिल थे. इसके ठीक दो दिन बाद, 19 अगस्त को सीबीआई उनके आवास पर रेड करने पहुंची थी. वहीं उन्हें 17 अक्टूबर को सीबीआई दफ्तर में भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. साथ ही उनके गाजियाबाद स्थित बैंक अकाउंट की तलाशी भी ली गई थी.
दरअसल मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल प्राइवेट वेंडर्स को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया. आरोप है कि उन्होंने लाइसेंस फीस माफ कर प्राइवेट वेंडर्स को इसका फायदा पहुंचाया.