नई दिल्ली: CBI ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को बनाने एवं कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले की जारी जांच में निजी कंपनी के निदेशक सहित पांच आरोपियों के विरुद्ध गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है. उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने कथित आबकारी घोटाले के आरोप में दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आयुक्त (आबकारी), तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी), तत्कालीन सहायक आयुक्त (आबकारी), 10 शराब लाइसेंसधारियों, उनके सहयोगियों और अन्य अज्ञातों के विरूद्ध 17 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया था.
इन पर आरोप है कि इस मामले में अनियमितताएं की गईं, जिनमें अनुमोदन के बिना उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि शामिल हैं. आरोप है कि इन कृत्यों के कारण निजी पार्टियों द्वारा उनकी लेखा पुस्तिकों में गलत प्रविष्टियां करके संबंधित लोक सेवकों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.
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पूर्व में दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु सहित विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज, सामान, डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद हुए थे. जांच के दौरान कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया. इससे पूर्व, नवंबर, 2022 में तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी), तत्कालीन सहायक आयुक्त (आबकारी) एवं निजी व्यक्तियों सहित सात आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया गया था तथा अप्रैल, 2023 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और निजी व्यक्तियों सहित चार आरोपियों के विरुद्ध भी एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था.
जांच के दौरान हवाला चैनल के माध्यम से गोवा में लगभग 44.54 करोड़ रुपए की अवैध तरीके से प्राप्त धनराशि के हस्तांतरण के संबंध में उक्त आरोपियों की कथित भूमिका पाई गई. इस मामले में सिसोदिया सहित कई आरोपित तिहाड़ जेल में बंद हैं. वहीं, कुछ को जमानत मिल चुकी है. इस मामलें में आगे की जांच जारी है. जनमानस को याद रहे कि उपर्युक्त निष्कर्ष सीबीआई द्वारा की गई जांच एवं उसके द्वारा एकत्र किए गए सबूतों पर आधारित हैं.
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