नई दिल्ली:केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Liquor Scam Case) में दो लोक सेवकों समेत सात आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. इसमें विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्र पिल्लई, मुत्थू गौतम, एक्साइज डिपार्टमेंट डिप्टी कमिश्नर कुलदीप सिंह और एक्साइज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर नरेंद्र सिंह का नाम शामिल है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है.
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए और 8 और इसके अलावा आपराधिक साजिश रचने की भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत 10,000 से अधिक पन्नों का आरोप पत्र पेश किया है. मामले में विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल सुनवाई कर रहे हैं. शुक्रवार दोपहर 2 बजे शुरू हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले को 30 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. कोर्ट उस दिन आरोप पत्र पर संज्ञान ले सकती है. इसके बाद आरोपियों पर आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि अरुण रामचंद्र पिल्लई ने विजय नायर के माध्यम से आरोपी लोक सेवक को देने के लिए महेंद्रू से अनुचित आर्थिक लाभ एकत्र करता था. अर्जुन पांडेय ने एक बार नायर की ओर से महेंद्रू से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी नकद राशि ली थी.
केजरीवाल ने बताया फर्जी केसःइस मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि CBI चार्जशीट में मनीष का नाम नहीं है, क्योंकि यह पूरा केस फर्जी है. रेड में कुछ नहीं मिला. 800 अफसरों को 4 महीने तक जांच में कुछ नहीं मिला. मनीष ने शिक्षा क्रांति से देश के करोड़ों गरीब बच्चों को अच्छे भविष्य की उम्मीद दी है. मुझे दुःख है, ऐसे शख्स को झूठे केस में फंसाकर बदनाम करने की साजिश रची गई.