नई दिल्लीःदिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से कैट द्वारा 4 जनवरी को ई कॉमर्स संवाद का आयोजन किया जा रहा है. इसमें पूरे देश से कैट व्यापारी संगठन के सदस्य भाग लेंगे. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि ई-कॉमर्स नीति तथा रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति पर केंद्र सरकार द्वारा गतिविधियों को तेज किए जाने के सन्दर्भ में 4 जनवरी को ई-कॉमर्स संवाद आयोजित कर रहा है.
कार्यक्रम के अंदर देश में खरीदे-बेचे जाने वाले सामान तथा विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वाली वस्तुओं के राष्ट्रीय संगठनों सहित अनेक कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों तथा बड़े ब्रांड के सामान बनाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. (CAT e commerce dialogue in Delhi on January 4)
कैट ने स्पष्ट किया कि मीटिंग का उद्देश्य रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों को मिलकर एक बड़ा फोरम गठित करना है, जो ई-कॉमर्स नीति को जल्द लागू करने, ई-कॉमर्स के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से संबंधित ई-कॉमर्स नियमों की घोषणा, रिटेल व्यापार हेतु एक राष्ट्रीय व्यापार नीति, एफडीआई रिटेल के प्रेस नोट 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करने हेतु सरकार पर बड़ा दबाव बनाए. मीटिंग में हुई चर्चा एवं निर्णयों को एक सिफारिश के रूप में केंद्र सरकार एवं सभी राज्य सरकारों को दिए जाएंगे.
दिल्ली में कैट का ई कॉमर्स संवाद 4 जनवरी को होगा आयोजित. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने मीटिंग को आयोजित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अभी हाल में कैट द्वारा किए गए एक सर्वे में लगभग 93% व्यापारियों ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स व्यापार के लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता है, जिसमें डिजिटल तरीके से देश में किए जाने वाले व्यापार अथवा दी जाने वाली सेवाओं को ई-कॉमर्स गतिविधि के रूप में माना जाना चाहिए और तदनुसार एक ई-कॉमर्स पॉलिसी बनाई जाए.
89% व्यापारियों ने कहा कि इस पॉलिसी में रिटेल व्यापार के चारों अंगों, छोटे व्यापारियों, कॉर्पोरेट रिटेल, ई-कॉमर्स एवं डायरेक्ट सेलिंग को शामिल कर एक पॉलिसी बनाई जाए, जिसमें इन चारों अंगों द्वारा व्यापार करने मूल सिद्धांत, दिशा निर्देश आदि स्पष्ट रूप उल्लिखित हों. कैट के इस सर्वे में 20 शहरों के 4281 व्यापारियों ने भाग लेकर अपना मत व्यक्त किया था.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जिस तरह से ई-कॉमर्स को विषाक्त किया गया है, उसको देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि रिटेल व्यापार के सभी वर्गों के बीच में ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार के बुनियादी सिद्धांतों पर एकमत हुआ जाए, जिससे वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी विभाग को पुख्ता इनपुट प्रदान किया जा सके. रिटेल व्यापार का सबसे बड़ा वर्ग होने के कारण कैट ने इस मीटिंग को आयोजित किया है. कैट ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है लेकिन कैट का यह निश्चित मत है कि देश के कानून और नीतियों का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.