नई दिल्ली:दिल्ली एनसीआर से चोरी हुई गाड़ियों को मेरठ से लेकर पुणे तक बेचा जा रहा है. लेकिन खरीदारों को यह पता ही नहीं चलता कि उनके पास मौजूद गाड़ी चोरी की है. यह खुलासा चोरी की गाड़ी बेचने वाले दो युवकों ने किया है. पुलिस ने अजरुदीन उर्फ अज्जू और अल्ताफ कसम अतर के पास से चोरी की 15 गाड़ियां बरामद की हैं. जिनमें महंगे ब्रांड की कई गाड़ियां शामिल है. आरोपी अब तक 500 से ज्यादा चोरी की गाड़ियां बीते 4 साल में सप्लाई कर चुके हैं.
मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन एसीपी योगेश मल्होत्रा की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर संदीप गोदारा और एसआई माजिद छानबीन कर रहे थे. पुलिस टीम को पता चला कि मेरठ का रहने वाला अजरुदीन उर्फ अज्जू चोरी की गाड़ियां खरीदता है. पूर्व में पकड़े गए इंतजार और भूरा भी उसे चोरी की गाड़ियां सप्लाई करते थे. इसके बाद वे इंश्योरेंस के पास पहुंची टोटल लॉस गाड़ियों के दस्तावेज खरीदकर उसका इंजन चेसिस नंबर चोरी की गाड़ी पर चढ़ा देते थे. फिर उक्त गाड़ी को आगे बेच दिया जाता था. चोरी की गाड़ियां मेरठ से लेकर गुजरात और पुणे तक सप्लाई की जाती थी.
पुलिस टीम ने अजरुदीन के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. पुलिस को पता चला कि वह फ्लाइट से दिल्ली आ रहा है. वह गुजरात में चोरी की गाड़ियां सप्लाई करने के लिए गया हुआ था. पुलिस टीम ने उसे डोमेस्टिक एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में उसके पास से कार की डुप्लीकेट चाबी बरामद हुई. उसने बताया कि यह चोरी की एक कार की चाबी है. उसकी निशानदेही पर जीबी पंत हॉस्पिटल के पास से यह गाड़ी बरामद हो गई. जांच से पता चला कि यह गाड़ी साउथ रोहिणी इलाके से बीते 12 दिसंबर को चोरी की गई थी. उसने बता बताया कि यह गाड़ी उसने इंतजार और भूरा से खरीदी थी.
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