नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली के अंदर GST काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक के अंदर अनब्रांडेड खाद्यान्न पदार्थों पर GST लगाने का फैसला लिए जाने को लेकर पूरे देश भर में इसका विरोध देखने को मिल रहा है. इस बीच देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (CAIT) के लगातार प्रयत्नों से केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बिना ब्रांड वाले खाद्यान तथा अन्य उत्पादों पर जीएसटी लगाए जाने पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है. जिसमें साफ किया गया है की यह टैक्स केवल 25 किलो तक की पैकिंग पर ही लगेगा. 25 किलो से ऊपर की पैकिंग पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इस स्पष्टीकरण से थोक विक्रेता जीएसटी से बाहर हो जाएंगे जो एक बड़ी राहत होगी. वहीं जो लोग इस टैक्स के दायरे में आएंगे उनके दिए हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट मिल जाएगा वहीं खुदरा सामान देने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इस बड़ी राहत के लिए कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जीएसटी कॉउन्सिल और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी को धन्यवाद भी किया है.
जीएसटी लगने के बाद सभी प्रकार के सूखे एवं तरल खाद्यान्न सहित पैक्ड दही, लस्सी, बटर मिल्क महंगे हो गए. इन वस्तुओं पर अब 5% जीएसटी लगेगा जो कि पहले नहीं लगता था. वहीं चेकबुक जारी किये जाने पर बैंकों की ओर से लिये जाने वाले शुल्क पर अब 18% जीएसटी लगेगी. साथ ही हॉस्पिटल्स में 5000 रुपये (ग़ैर आईसीयू) से अधिक किराये वाले कमरों पर 5% जीएसटी लगेगा ही होटलों के 1000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर जीएसटी 12% लगेगी जो कि अब तक नहीं लगता है. एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर 18% जीएसटी लगेगी जो कि पहले नहीं लगती थी. ब्लेड, कैंची, पेपर, पेंसिल्स शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स व केक सर्वर्स इत्यादि वस्तुओं जिन पर पहले 12% जीएसटी लगता था अब 18% जीएसटी लगेगा.